अंबाला में पंछियों से टकरा कर हुए विमान हादसे के बाद वायुसेना ने की सख्ती
वायुसेना के अधिकारियों की सख्ती और प्रशासन की हलचल के बाद अब वायुसेना की दिवार के साथ मात्र 05 मीटर की दूरी पर रहने वाले लोगों ने भी इस सरकारी फरमान के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है , स्थानीय निवासियों का कहना है की उन लोगों ने जब यहाँ मकान बनाये तब सरकारी बाबुओं ने उन्हें क्यों नहीं रोका ,
अम्बाला (अंकुर कपुर ) || हरियाणा के अंबाला में पंछियों के झुंड के साथ टकराने के बाद हुए जैगुआर हादसे के बाद , वायुसेना अब कई सख्त कदम उठाने जा रही है । वायु सेना ने सिविल एडमिनिस्ट्रेशन को पत्र लिख कर वायुसेना की दीवार के साथ लगते सैकड़ों अवैध बने मकानों को हटाने के लिए लिखा है । बस इतना ही नहीं वायु सेना ने आस पास के इलाकों में रहने वाले लोगों द्वारा कबूतर पालने पर भी पाबंदी लगाने और लोगों को छतों पंछियों के लिए दाना पानी न रखने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए कहा है । अंबाला में बीते दिनों हुए जैगुआर विमान हादसे के बाद , वायुसेना ने इस विमान हादसे का पूरा वीडियो अपने फेसबुक पेज के साथ साथ ट्वीटर हैंडल पर डाला और उसमे बताया गया की कैसे पंछियों के झुण्ड से टकराने के बाद विमान का एक इंजन फेल हो गया और पायलेट ने तुरंत कैसे एक बड़े हादसे को होने से बचा लिया। वायुसेना इस हादसे के बाद से सख्ती के मूड में दिखाई दे रही है , इसी को लेकर वायुसेना के अधिकारियों ने बीते सप्ताह जिला प्रशासन की एक मीटिंग बुलाई जिसमे विभिन्न विभागों के आलाधिकारी शामिल हुए। मीटिंग के बाद वायुसेना के एयर कमांडर ने जिला पर्शासन को एक पत्र लिख कर बताया की यह विमान हादसा अगर मात्र दो सेकण्ड बाद होता तो वायुसेना की दिवार के साथ अवैध रूप से बने सैकड़ों रिहायिशी मकानों में तबाही का मंजर होता। एयर कमांडर ने अपने पत्र में डिफेन्स मनिस्ट्री के पत्र का हवाला देते हुए यह भी लिखा की एयरफोर्स की दिवार के 100 मीटर के दायरे में कोई भी कंस्ट्रक्शन अवैध मानी जाती है लिहाजा सर्वे करने के बाद ऐसे निर्माणों को चिह्नित किया जाये जो वायुसेना की दिवार से 100 मीटर के दायरे में आते हैं। मामला देश की सुरक्षा और देश की सपत्ति की सुरक्षा से जुड़ा है लिहाजा प्रशासनिक अधिकारी भी तुरंत एक्टिव मोड़ में आ गए हैं और इस पर काम शुरू कर दिया।