सिरसा हरियाणा लोकहित पार्टी के सुप्रीमों व पूर्व गृह राज्य मंत्री गोपाल कांडा की प्रेस कॉन्फ्रेंस
हलोपा सुप्रीमो गोपाल कांडा ने कहा कि आर्थिक मंदी की वजह से दुकानदारी ठप होकर रह गई है। यही हाल बड़े उद्योग धंधों का है, जहां मंदी के कारण तालाबंदी करनी पड़ रही है। मंदी की वजह से ही हजारों युवाओं का रोजगार छीन गया है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी का पहले ही आलम यह है कि क्लर्क पद के लिए 4898 पदों के लिए 15 लाख 46 हजार आवेदन आए है। यदि इसे देखा जाए तो प्रत्येक 315 में से एक युवा को ही नौकरी मिल पाएगी।
हलोपा सुप्रीमो गोपाल कांडा आगामी 1 अक्टूबर को अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। इससे पहले वे नेहरू पार्क में जनसभा को भी संबोधित करेंगे। यह जानकारी गोपाल कांडा ने डबवाली रोड स्थित होटल अरोमा में पत्रकारों को संबोधित करते हुए दी। उन्होंने कहा कि सिरसा सीट से वे स्वयं और रानियां विस से उनके अनुज गोबिंद कांडा पार्टी की ओर से उम्मीदवार होंगे। दोनों सीटों के लिए सिरसा में ही नामांकन पत्र दाखिल किए जाएंगे। इससे पहले नेहरू पार्क में प्रात: 10 बजे जनसभा का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद शहर के विभिन्न बाजारों से होते हुए लघु सचिवालय में नामांकन पत्र दाखिल करने जाएंगे।कांडा ने कहा कि पिछले चार वर्षों के दौरान धर्मनगरी सिरसा में चिट्टा ने अपने पैर पसारे है। गांव-गांव और गली-गली तक नशे के व्यापारी पहुंच चुके है। स्थानीय विधायकों की निष्क्रियता की वजह से नशे का कारोबार फला-फूला। जनप्रतिनिधियों ने इसे रोकने के लिए आवाज नहीं उठाई और केवल दल-बदल कर अपने हित साधने का काम किया है। उन्होंने कहा जिस प्रकार उड़ता पंजाब और बठिंडा से रात्रि 9 बजकर 25 मिनट पर बीकानेर के लिए चलने वाली कैंसर ट्रेन के कारण एक स्थान के युवक बर्बाद हो रहे है और वह स्थान भी बदनाम हुआ। लेकिन उनका प्रयास है कि सिरसा को सदैव धर्मनगरी के नाम से ही जाना जाए, इसलिए वे नशे को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए नशा तस्करी को रोकने के नाम पर छोटी-मोटी कार्रवाई करने की बजाए बड़े तस्करों पर चोट करेंगे। उनका इरादा सख्त है। अब बीमार का नहीं बल्कि बीमारी का ईलाज करने का समय आ गया है और जो युवक नशे की चपेट में आ चुके है, उनके लिए शीघ्र ही नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना कर उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाया जाएगा। कांडा ने कहा कि सिरसा में कैंसर रोग तेजी से फैल रहा है। इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। गरीब और मध्यम वर्ग आर्थिक तंगी के कारण इस बीमारी की वजह से असमय ही मौत का ग्रास बन रहा है। क्योंकि बड़े अस्पताल गुडगांवा और महानगरों में ही बने है और इसका ईलाज भी काफी महंगा है। एम्स अस्पताल झज्जर जिला में बनाया जा रहा है, जबकि इसकी जरूरत सिरसा को है। क्योंकि झज्जर के आसपास तो कई बड़े अस्पताल पहले से है। उन्होंने श्री बाबा तारा कुटिया चेरिटेबल ट्रस्ट व श्री मुरलीधर कांडा मैमोरियल चेरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से सिरसा में ही कैंसर अस्पताल के निर्माण का फैसला लिया है। जिसमें रोगियों को निशुल्क ईलाज की सुविधा दी जाएगी। ताकि सिरसा में कैंसर रोगियों को घर-द्वार पर ही ईलाज की सुविधा मिल सकें।