नारनौंद : भारतीय खेत मजदूर यूनियन व जनसंगठनों ने किया प्रर्दशन...
माकपा के आह्वान पर जनता के ज्वलंत सवालों जैसे मनरेगा, खादय सुरक्षा, अर्थिक मदद, तथा पैट्रोल की बढ़ी कीमतों व निजी करण के खिलाफ अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन व जनसंगठनों ने एसडीम नारनौंद के माध्यम से प्रदर्शन करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम मांग पत्र सोपा गया।
नारनौंद (प्रवीण कुमार) || अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के प्रांतीय उपाध्यक्ष रामअवतार सुलचानी ने कहा कि केंद्र सरकार व हरियाणा की सरकार पूंजीपतियों के हक में देश की सार्वजनिक सम्पतियों को कोड़ियों के भाव बेचकर उनकी तिजोरी भर रहे हैं। किसान व मजदूरों की हालत कोरोना महामारी के चलते बहुत दयनीय हो गई है।ग्रामीण अर्थव्यवस्था का कचुम्बर निकल चुका हैं। ऊपर से पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें रोज बढ़ाई जा रही हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं की खस्ता हालातों ने आईना दिखा दिया है। आज जनता संकट में है। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मनरेगा के लिए अतिरिक्त एक लाख करोड़ रुपये का बजट दिया जाये, वर्ष में 250 दिन काम व 600 रुपये प्रति दिन मजदूरी की जावे, शहरों के लिए भी काम दिया जाये, कोरोना माहमारी के चलते गरीब लोगों के परिवारों को 7500 रुपये प्रति महीना अर्थिक मदद की जाय व गरीब मजदूरों व किसानों को 6 महीनों तक राशन दिया जाये।रामअवतार सुलचानी ने कहा की मनरेगा मजदूरों की साइट पर मास्क व सैनिटाइजर तथा पिने के लिए साफ पानी के लिए कैम्पर के पानी का प्रबंध किया जाये, मनरेगा काम करते हुए दुर्घटना पर इलाज खर्च तथा मौत पर 5 लाख रुपये मुआवजा दिया जाय। मनरेगा के औजार कस्सी-तसले दिए जाय, मजदुरों को जॉब कार्ड दिलवाकर नए लोगों की आईडी बनाई जाय, ग्रामीण इलाकों में सवास्थ्य जाँच का उचित प्रबंध करते हुए नारनौंद के सरकारी अस्पताल में सुविधाओं को बढ़ाया जाय। पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों पर रोक लगाई जाय, हरियाणा सरकार द्वारा बढ़ाये बस भाड़े वापिस हो, बिजली के निजीकरण पर रोक लगाई जाए महिला तथा गरीब लोगों पर हो रहे हमलों को रोका जाए, यदि हरियाणा सरकार नौकरी पर एक साल के लिए लगाई पाबंदी नहीं हटाती तो प्रदेश में आंदोलन तेज होंगे।