नरेला इंडस्ट्रियल इलाके मे करंट ने फिर किया एक परिवार बर्बाद, बेखौफ फ़ैक्टरी मालिको के अवैध तरीकों से लगातार हो रहीं है ऐसी घटनाए
नरेला स्थित भोड़गढ़ इंडस्ट्रियल एरिया मे प्लास्टिक रबड़ बनाने वाली फ़ैक्टरी मे करंट लगने से एक मजदूर की मौत । परिजनों को नहीं दी गयी समय पर कोई सूचना, फ़ैक्टरी मे लगा हैं ताला, मालिक फरार, प्रशासन ने शुरू की कारवाई...
नरेला (सोनू)|| इस रोती हुई महिला को देखिये। गोद मे खेल रहें बच्चे को देखिये। अंदाजा लगाये की अब इस बच्चे के भविष्य का क्या होगा । बेसहारा हो चुकी इस औरत और इसके परिवार का क्या होगा ? अपने पति के लिए खाना लेकर आई इस महिला को मालूम भी नही था कि उसके पति को उसके फ़ैक्टरी के काले कारनामों का ही शिकार होना पड़ेगा। जिस फ़ैक्टरी मे उसका पति जी जान से मेहनत करता हैं वही काम उसकी जान ले लेगा। इतना ही नहीं जान लेने के बाद फ़ैक्टरी मालिक अपने बचाव मे साजिशे भी रचेगा। सरकारी अस्पताल मे ना जाकर अपने जान पहचान के प्राइवेट अस्पताल मे ले जाएगा और घटना के साक्ष्यों से खेलने की कोशिश करेगा।
घटना है नरेला स्थित DSIIDC डीएसआईआईडीसी फैक्टरी नंबर F1946 की जहां काम करने वाले एक व्यक्ति गोविंद सिंह उम्र 45 साल की करंट की चपेट मे आकार मौत हो गयी। जी हाँ मौत करंट लगने से , करंट का जाल बिछा है, अवैध रूप से बिजली के नंगी तारों के बीच काम करवाए जा रहें । ना आग बुझाने की कोई सुविधा है और ना ही पावर ऑटो कट की । लपेटे मे आ गए तो मरेंगे ही । फ़ैक्टरी में और आए दिन किसी न किसी मजदूर की जान जाती हैं। पर गरीबों की सुध लेता कौन हैं । कल के मरे आज आर जाये क्या फर्क पड़ता हैं । फ़ैक्टरी मालिकों को तो बस अपने धंधे और मोटे मुनाफे से मतलब हैं । पैसा छापने से मतलब हैं । धंधे की लालची हसरतों ने इन्हें इस कदर अंधा किया हैं कि कई जान कई बार जाने के बाद भी इनको परवाह नहीं , फिक्र नहीं । पैसा हैं...साँठ गांठ से तो बच ही जाएँगे । बर्बाद होगा तो ये परिवार, ये विधवा हो चुकी औरत और ये छोटा सा मासूम बच्चा ।
फिलहाल फ़ैक्टरी में ताला लगा हैं और मालिक फरार हैं। देखना ये हैं की प्रशासन इस परिवार की किस हद तक न्याय दिलवा पाता हैं और फ़ैक्टरी मालिकों पर क्या कारवाई होती हैं ।