कैथल बसों की कमी से जूझ रहा है कैथल रोडवेज पिछले चार सालों में कैथल रोडवेज को मिली महज चार बस
वर्तमान में जिले में बसों की भारी कमी है। डिपों में 200 से अधिक बसों की आवश्यकता है। लेकिन जो बसें सुचारु रूप से रूटों पर चल रही है, उनकी संख्या केवल 121 ही है। जिनमें से 50 बसें केवल गांवों के रूट के लिए लगाई गई है। बस स्टैंड पर कंडम बसों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है।
कैथल रोडवेज में बसों की कमी के कारण यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। डिपो में आवश्यकता के अनुसार बसें न होने के कारण यात्रियों को अपने गंतव्य पर पहुंचे में दोगुना से तिगुना समय लग जाता है। वहीं बसों में भीड़ होने के कारण सबसे अधिक परेशानी बुजुर्गों और महिलाओं को होती है। कई गांव तो ऐसे हैं। जहां बसें ही नहीं हैं। डिपों में 200 से अधिक बसों की आवश्यकता है। लेकिन जो बसें सुचारु रूप से रूटों पर चल रही हैउनकी संख्या केवल 121 ही है। और विभाग द्वारा कैथल डिपो को मिली 4 साल में मात्र 4 बस गई है। नए बसों की अपेक्षा प्रत्येक वर्ष कंडम बसों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है जिस कारण आने वाले दिनों में यात्रियों को और परेशानी झेलनी पद सकती है। वर्तमान में जिले में बसों की भारी कमी है। डिपों में 200 से अधिक बसों की आवश्यकता है। लेकिन जो बसें सुचारु रूप से रूटों पर चल रही है, उनकी संख्या केवल 121 ही है। जिनमें से 50 बसें केवल गांवों के रूट के लिए लगाई गई है। बस स्टैंड पर कंडम बसों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। और प्रत्येक वर्ष कंडम बसों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। सरकार द्वारा नई बसें नहीं दी जा रहीं। विभाग द्वारा अभी तक लोकल बस सेवा को शुरू नहीं की गई है। जबकि अन्य शहरों में लोकल बस सेवा पूर्ण रूप से चालू है। जीएम रामकुमार ने बताया कि कैथल डिपो में 200 बसों की जरूरत है लेकिन डिपो के पास 200 की जगह सिर्फ 121 बस है। पिछले चार सालो में मात्र 4 नई बस ही कैथल डिपो को मिली है। विभाग को लिखा गया है जैसे ही डिपो को नई बसे मिलेंगी। यात्रियों को परेशानी खत्म हो जाएगी। वंही शहर में लोकल बस न होने पर महाप्रबंधक ने कहा जिला प्रशासन ने शहर में बड़े वाहनों की एंट्री बैन कर दी गई थी जिस कारण शहर की लोकल बीएस सेवा बंद कर दी गई। विभाग द्वारा कैथल डिपो के लिए 20 मिनी बस प्रस्तवित है जैसे ही डिपो के पास मिनी बस आएगी तो लोकल बस सेवा भी शुरू कर दी जाएगी।