Jind के ऐतिहासिक रानी तालाब के बीच स्थित मंदिर पर मंडरा रहा है बारिश खतरा
, वह रिसाव के कारण भी आ रहा हैं। एसई एमआर गर्ग के मुताबिक पाईप छोटी है, इसलिए रिसाव का कोई मतलब नहीं बनता। इसलिए रानी तालाब के पानी स्तर को नीचे ले जाने के लिए सडक़ों से आ रहे पानी को रोकना होगा।
जींद (परमजीत पवार ) || जींद के ऐतिहासिक रानी तालाब के बीच स्थित मंदिर खतरे में हैं। बारिश का पानी रानी तालाब में छोडऩे के कारण उस राह पर जमता जा रहा है, जिससे गुजर कर श्रद्धालु अपने आराध्य के दीदार करते हैं। पानी तालाब की सीढिय़ां पानी में डूब चुकी हैं और वह चलने वाले पथ पर अपनी जगह बना रहा हैं। अगर पानी का ग्राफ यूं ही बढ़ता गया तो वह मंदिर में तो घुसपैठ कर ही लेगा साथ में फर्श के टूटने के साथ-साथ निर्माण को भी खतरा है। यहीं नहीं मंदिर में जो बिजली सप्लाई हो रही है, वह भी किसी दुर्घटना का कारण बन सकती हैं। फिलहाल प्रशासन की नजर जींद की शान की ओर बढ़ रहे खतरे की ओर नहीं गई है, इसलिए पानी का जो स्तर मंदिर की राह पर बना हुआ था, वह अगले दिन को ज्यों का त्यों दिखाई दिया। रानी तालाब के पानी का स्तर देखकर श्रद्धालुओं ने मंदिर में जाने से तौबा कर ली हंै। मंदिर में जाना वे खुद के लिए खतरा मानते हैं। यूं तो मंदिर के निर्माण को पूरी तरह से मजबूत बताते हुए कुछेक श्रद्धालुओं का कहना है कि लगभग 20 साल पहले भी मानसून के दिनों में तालाब का पानी मंदिर तक पहुंच गया था। उस पानी ने शिवलिंग का एक तरह से अभिषेक किया था। उस समय तो मंदिर का कुछ नहीं बिगड़ा था। किंतु कुछेक श्रद्धालुओं ने कहा कि पानी का स्तर ऊपर उठने से मंदिर के भवन को क्षति पहुंच सकती हैं। फर्श भी क्षतिग्रस्त हो सकता हैं। श्रद्धालुओं का कहना कि अगर ओवरफ्लो पानी के कारण मंदिर को हानि हुई तो इसके लिए सीधे-सीधे तौर पर प्रशासन ही जिम्मेदार होगा। यह मंदिर जींद की आन-बान और शान माना जाता है। जींद की इस शान को महफूज रखने के लिए प्रशासन को तत्परता से कदम उठाना चाहिए। सिंचाई विभाग के एसई एमआर गर्ग ने फोन पर बताया रानी तालाब में जाने वाले पानी को बंद करवा दिया गया है। जैसे ही उनको पानी ओवरफ्लो के बारे में मालूम हुआ, वैसे ही उन्होंने पानी बंद करने के निर्देश दे दिये थे।बता दें कि रानी तालाब मंदिर में एक चैनल के मार्फत सिंचाई विभाग पानी छोड़ता हैं। इस चैनल के मार्फत पानी आने के साथ-साथ बारिश के दिनों में चहुंओर बनी सडक़ पर जो पानी जमता है, वह इस तालाब में ही आकर गिरता हैं। ऐसे में सडक़ों का जो पानी रानी तालाब में आ रहा है, उसके कारण भी ओवरफ्लो की समस्या बनी है। बताया जा रहा है