जींद का सरकारी अस्पताल अब अन्य मल्टीस्पेश्लिस्ट हास्पीटल की श्रेणी में आ गया है अब जींद के सरकारी अस्पताल में मरणास्न पर पहुंचे मरीजों को ऑटोमैटिक ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था
सिविल अस्पताल को दशकों पुराने उस सिलैंडर सिस्टम से सदा-सदा के लिए मुक्ति मिल गई है। जबकि अस्पताल में दाखिल मरीजों को जरूरत पडऩे पर ही आक्सीजन गैस सिलेंडरों के माध्यम से दी जाती थी।
-जींद का सरकारी अस्पताल अब अन्य मल्टीस्पेश्लिस्ट हास्पीटल की श्रेणी में आ गया है अब जींद के सरकारी अस्पताल में मरणास्न पर पहुंचे मरीजों को ऑटोमैटिक ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था की गई है, अब ऑक्सीजन के सिलैंडर समाप्त होने पर अब मरीज को इस ऑटोमैटिक ऑक्सीजन सप्लाई से निबार्ध ऑक्सीजन मिलती रहेगी इस प्रकार जहां ऑक्सीजन सिलैंडर बदलने की समस्या का समाधान हो गया है वहीं मरीज को ऑक्सीजन के अभाव में मरने नही दिया जाएगा इससे जींद के सिविल अस्पताल को दशकों पुराने उस सिलैंडर सिस्टम से सदा-सदा के लिए मुक्ति मिल गई है। जबकि अस्पताल में दाखिल मरीजों को जरूरत पडऩे पर ही आक्सीजन गैस सिलेंडरों के माध्यम से दी जाती थी। जिला मुख्यालय के सामान्य अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ गोपाल ने बताया कि सिविल अस्पताल की नई बिल्डिंग में आक्सीजन की आटोमैटिक सप्लाई शुरू होने पर आक्सीजन सप्लाई के मामले में निजी अस्पतालों को टक्कर देगा। इससे मरीजों से लेकर चिकित्सकों और अस्पताल के पैरा मेडिकल स्टाफ को बहुत बड़ी राहत मिलेगी। अस्पताल में हर वार्ड के हर बैड तक ऑक्सीजन गैस की आटोमैटिक सप्लाई के लिए काफी पैसा खर्च कर फिटिंग आदि की गई थी। इसी तरह अस्पताल के आपरेशन थिएटरों तक भी आक्सीजन की आटोमैटिक सप्लाई की व्यवस्था की गई थी। अब आक्सीजन की आटोमैटिक सप्लाई शुरू होने से फायदा यह हुआ कि बार-बार आक्सीजन गैस केसिलैंडर भरवाने की जहमत नहीं उठानी पड़ेगी। कई बार आक्सीजन गैस के सिलैंडर खाली हो जाते हैं और समय पर इनकेदोबारा नहीं भर पाने से बड़ा हादसा होने की आशंका बनी रहती थी। इस तरह की आशंका अब जड़ से समाप्त हो जाएगी। उन्होने बताया पहले प्लांट के टैंक में आईनोक्स कंपनी द्वारा आक्सीजन गैस भरी गई है। उसके बाद टैंक से पूरे अस्पताल में आक्सीजन गैस की आटोमैटिक सप्लाई शुरू हो गई है। अस्पताल में आक्सीजन गैस की आटोमैटिक सप्लाई मरीजों से लेकर चिकित्सकों और पैरा-मैडीकल स्टाफ तक सभी के लिए बहुत बड़ी राहत लेकर आई है। इससे अस्पताल में मरीजों के उपचार में भी मदद मिलेगी।