भाजपा नेेता भारत भूषण मिड्ढा ने फिर दिखाए तेवर, बातों ही बातों में फिर पूर्व

भाजपा नेेता भारत भूषण मिड्ढा ने पत्रकारों वार्ता कर एक बार फिर से अपने तेवर दिखा दिए हैं। एक ओर जहां उन्होंने ओमप्रकाश रेल्हन और दिवंगत महेश सलोदिया को फतेहाबाद भाजपा का पिल्लर बताया तो वहीं एक बार फिर दुड़ाराम पर जमकर तंज कसे। उन्होंने कहा कि चुनाव लडऩे के लिए केवल पार्टी में शामिल होना काफी नहीं है। पार्टी की सक्रिय सदस्यता होनी जरूरी है जोकि चुनाव लडऩे के लिए भरे जाने वाले फार्म में स्पष्ट तौर पर लिखी गई है।

भाजपा  नेेता भारत भूषण मिड्ढा  ने फिर दिखाए तेवर, बातों ही बातों में फिर पूर्व

संसदीय सचिव दुड़ाराम साधा निशाना, कहा चुनाव लडऩे के लिए प्राथमिक सदस्यता के साथ-साथ सक्रिय सदस्यता भी जरूरी, जिलाध्यक्ष वेद फूला ने पार्टी के लिए की कड़ी मेहनत, बंटू भैया ने कहा कार्यकर्ताओं को धमकाना नहीं होगा सहन भाजपा नेेता भारत भूषण मिड्ढा ने पत्रकारों वार्ता कर एक बार फिर से अपने तेवर दिखा दिए हैं। एक ओर जहां उन्होंने ओमप्रकाश रेल्हन और दिवंगत महेश सलोदिया को फतेहाबाद भाजपा का पिल्लर बताया तो वहीं एक बार फिर दुड़ाराम पर जमकर तंज कसे।उन्होंने कहा कि चुनाव लडऩे के लिए केवल पार्टी में शामिल होना काफी नहीं है। पार्टी की सक्रिय सदस्यता होनी जरूरी है जोकि चुनाव लडऩे के लिए भरे जाने वाले फार्म में स्पष्ट तौर पर लिखी गई है। वहीं बरसों पहले मिले जख्मों की टीस भी उनके चेहरे पर साफ देखने को मिली। उन्होंने कहा कि सत्ता के नशे में कभी चौ. दुड़ाराम ने उनका लाखों का नुकसान किया, मगर कार्यकर्ताओं का मनोबल न टूटे इसके लिए अपना दर्द जुबां तक नहीं लाए, बल्कि संघर्ष किया। हम नहीं पूर्व सीपीएस प्रहलाद सिंह ने भी कई बार ऐसे ही आरोप दुड़ाराम पर लगाए हैं कि उन्होंने किसी जमीन हथियाई, कहीं कब्जे किए। वहीं उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि भाजपा जिलाध्यक्ष ने पार्टी के लिए खूब मेहनत की है, पन्ना प्रमुखों से लेकर पार्टी के तमाम कार्यकर्ताओं को बांधे रखा और बड़ी संख्या में लोगों को पार्टी ज्वाइन भी करवाई। उन्होंने उन खबरों का खंडन किया जिनमें कहा गया था कि उन्हें आरएसएस कार्यालय ने तलब किया है। उन्होंने कहा कि यह सब बातें बेबुनियाद हैं। उन्होंने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि पार्टी ने कभी किसी को पार्टी में शामिल होते ही टिकट दिया है तो निश्चित तौर पर वह व्यक्ति विख्यात रहा गया, किसी कुख्यात को तो टिकट नहीं दी गई। कार्यकर्ताओं को धमकाने की बात पर बोलते हुए उन्होनें कहा कि अगर कोई व्यक्ति उनके कार्यकर्ताओं को धमकाने का काम करता है तो उन्हें अपनी भाषा बदलनी ही पड़ेगी।