हरियाणा एसटीएफ को मिली बडी कामयाबी, चोरी की लग्जरी कारों नये रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ बेचने का भांडाफोड...
हरियाणा एसटीएफ की टीम को बडी कामयाबी हाथ लगी हैं | एसटीएफ की टीम ने प्रदेश में चल रहे है चोरी की लग्जरी कारों को फर्जी रजिस्ट्रेशन नंबर के जरिए बेचने के गोरखधंधे का पर्दाफाश किया हैं | एसटीएफ की टीम ने इस पूरे मामले में दादरी अथ्योर्टी के दो कर्मचारियों सहित एक दलाल को भी अरेस्ट किया है जो चोरी की लग्जरी कारों को खरीदने और बेचने का काम करते थे |
गुरुग्राम (संजय खन्ना) || 50 लाख की लग्जरी कार अगर किसी को 20 लाख या फिर उससे भी सस्ती मिल जाये तो फिर हर कोई खरीदने को आसानी से तैयार हो जाता हैं जी हां इसी बात का फायदा उठाते हुए प्रदेश में कुछ ऐसे शातिर लोगो ने इसी सोच को अपना धंधा बना लिया हैं | दिल्ली सहित देश के दूसरे बडे शहरों से चोरी कर मंहगी और लग्जरी कारों को नये रजिस्ट्रेशन नंबर और हाईस्क्योर्टी नंबर प्लेट के साथ ये लोग दूसरे लोगों बेचने को काम करते थे | ये इन लोगों के साथ कई जिलों के अथ्योर्टी के कर्मचारी भी शामिल हैं | एसटीएफ हैडक्वाटर की टीम ने दादरी से अथ्योर्टी के दो कर्मचारियों सहित तीन लोगों को अरेस्ट किया हैं | जो इस पूरे गोरख धंधे को चला रहे थे | इस काले कारनामे की जांच करते हुए एसटीएफ की टीम को चार गाडियां गुरूग्राम रजिस्ट्रेशन की भी मिली हैं | एसटीएफ की माने ये ऑन डिमांड लग्जरी कारों को चोरी करते थे या फिर चोरों से खदीते भी थे | उसके बाद हरियाणा की अथ्योर्टी में बैठे कर्मचारियों की मद्दत से फर्जी तरीखे से रजिस्ट्रेशन करते और अपने शिकार को फंसा कर सस्ते दामों में बेच देते ये लोगों हरियाणा सहित दूसरे राज्यों मे महंगी और लग्जरी कारों को बेचते थे एसटीएफ के सूत्रों की माने तो अब 560 से ज्यादा मंहगी कारों को ये बेच चुके हैं जिनके जरिए करोडों की कमाई भी कर चूके हैं | साथ ही अब एसटीएफ की टीम इस बात की जांच में जुटी है कि क्या अथ्योर्टी के अधिकारियों भी इस खेल मे शामिल है साथ ही जांच इस बात की भी की जा रही है कि सोनीपत, गुरूग्राम , दादरी और महम के साथ प्रदेश की कितनी अथोर्टी में ये खेल चल रहा था | बहराल तीनों लोगो की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ की टीम ने जहां एक प्रदेश एक बडे घोटाले और फर्जी वाडे का खुलासा किया है तो वही इस बाद की भी जांच की जा रही है इस गैंग मे कितने लोग थे और कैसे ये गाडियों की चोरी करते थे और कैसे अपने शिकार को फंसाने का काम करते थे |