सेवा सुरक्षा और सहयोग का दावा करने वाली हरियाणा पुलिस पर उठे सवाल |
गुमथला के सरपंच की शिकायत पर डीजीपी हरियाणा के आदेशों के बाद जठलाना के तत्कालीन एसएचओ सीआईए वन के इंचार्ज समेत चार पुलिस कर्मियों पर धारा 120 बी 341 और 392 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सेवा सुरक्षा सहयोग का नारा देने वाली हरियाणा पुलिस सवालों के घेरे में है।खाकी पर इस बार पर लूट की साजिश रच लूट करवाने का मामला दर्ज हुआ है ।शिकायतकर्ता के अनुसार एसपी के नाम पर मांगे थे डेढ लाख औऱ लूट की घटना को झूठा करार दिया था।गुमथला के सरपंच की शिकायत पर डीजीपी हरियाणा के आदेशों के बाद जठलाना के तत्कालीन एसएचओ सीआईए वन के इंचार्ज समेत चार पुलिस कर्मियों पर धारा 120 बी 341 और 392 के तहत मामला दर्ज किया गया है।वही एसपी ने इस मामले में एसआईटी बनाकर जांच के आदेश दिए है।वही इन पुलिसकर्मियों पर मामला दर्ज होने के बाद शिकायत देने वाले सरपंच को इंसाफ की उम्मीद जगी है।
सरपंच ने बताया कि 7 जून को उनके साथ चाकू के दम पर 4 लाख की लूट हुई थी। रादौर के गनमैन ने उसे 10 लाख रुपए किसी को ब्याज पर देने की बात कही थी। जिसको लेकर 6 जून को दोपहर लगभग डेढ़ बजे उसके पास डीएसपी के गनमैन का फोन आया कि वह उसे ब्याज पर देने के लिए 7 जून को बुलाया। अगले दिन सात जून को सुबह पौने 11 बजे डीएसपी के गनमैन ने मॉडल टाउन यमुनानगर में गोबिंदपुरी रोड पर स्थित बिकानों के सामने उसे चार लाख रुपए की राशि किसी को ब्याज पर देने के लिए दी। अपनी स्कूटी की डिग्गी में पैसे रखकर अपने गांव गुमथला की ओर चला गया।
सरपंच कृष्ण मेहता के अनुसार सुबह लगभग साढे 11 बजे दो अज्ञात बाईक सवार लोगों ने चाकू की नोक पर जबरन उससे स्कूटी की डिग्गी में मौजूद चार लाख रुपए लूट लिए। उसने जठलाना पुलिस को वारदात की सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और उसे इलाज करवाने के बहाने अस्पताल ले जाने की बजाय पुलिस की गाड़ी में बैठाकर सीआईए वन यमुनानगर ले जाया गया। जहां उसे व उसके बेटे हर्ष को 6 घंटे तक पुलिस ने बुरी तरह से धमकाया व डराया। उसे किसी से नहीं मिलने दिया गया। इस दौरान पुलिस ने जबरन कोरे कागज पर उससे हस्ताक्षर करवाकर मामले को रफादफा कर मामले को फर्जी करार दे दिया।