गणेश महोत्स्व शुरू हो गया है इस उत्सव के लिए लोग गणपति जी की मूर्ति को घर में विराजने के लिए ले जा रहे लोग

गणेश उत्सव पर मूर्तियां बनाकर बेच रहे है और अपने परिवार गुजर-बसर कर रहे है इस समूहदाये में ज्यादतर महिलाये ही मूर्तियां बनाकर उसमे रंग भरकर उसे सुंदर बनाती है। 

गणेश महोत्स्व शुरू हो गया है इस उत्सव के लिए लोग गणपति जी की मूर्ति को घर में विराजने के लिए ले जा रहे लोग
आज से गणेश महोत्स्व शुरू हो गया है इस उत्सव के लिए लोग गणपति जी की मूर्ति को घर में विराजने के लिए ले जा रहे है और लगभग दस दिन बाद गणेश की मूर्ति को जल में प्रवाहित करेंगे। गणेश भक्त गणेश की मूर्ति लेने के लिए ढोल-नगाड़ो के साथ आ रहे है और लेकर है। 
अंबाला-सहारनपुर मार्ग पर अंबाला में एक विशेष समुदाय के लोग पिछले लगभग 20 सालो से अंबाला में गणेश उत्सव पर मूर्तियां बनाकर बेच रहे है और अपने परिवार गुजर-बसर कर रहे है इस समूहदाये में ज्यादतर महिलाये ही मूर्तियां बनाकर उसमे रंग भरकर उसे सुंदर बनाती है।  भाद्रपद माह की चतुर्थी को मनाया जाने वाला गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे देश में जोर-शोर से मनाया जाता है। इन दिनों अंबाला में रहने वाले लोग मंगलमूर्ति भगवान गणेश को अपने घर ले जाने में लगे हुए है। मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश धरती पर आते हैं और अपने भक्तों के कष्टों को हर लेते हैं। हर साल की तरह इस बार भी प्रदेश में गणपति बप्पा की धूम आज से शुरू होने जा रही है। शहर के लोगों में जोश है, उत्साह है और सभी बड़ी बेसब्री से इस शुभ दिन का इंतजार करते हैं। 
शहर में गणेशोत्सव मंडलों ने इस उत्सव की तैयारी पूरी कर ली है। अंबाला-सहारनपुर रोड पर इन मूर्तियों को लेने बड़ी-बड़ी दूर से लोग आते मूर्तिकारों को पहले ही पैसे देकर मूर्ति को रोक लेते है और गणेश उत्सव शुरू होते ही मूर्ति को घर में ले जाकर रखते है फिर गणेश चतुर्थी को उसे किसी भी नदी में प्रवाहित करते है। 
कुछ लोग ढोल-नगाड़ो के साथ गाड़ियों में आते है तो कुछ लोग अपने परिवार के साथ मोटरसाइकल पर ही मूर्ति लेकर जाते है ! मूर्ति लेने आये लोगो ने बताया कि वो पिछले कई सालो से गणेश उत्सव पर गणेश को घर में ले जाते है फिर इनकी खूब पूजा करते है और फिर इसे किसी भी नदी में प्रवाहित करते है ! उनका कहना है कि गणेश जी रिद्दी-सिद्दी के दाता है और ऐसा करने से उन्हें घर में सुख शांति मिलती है।