पहले सम्मान फिर कोरोना योद्धाओं को नौकरी से निकाला...
जब पूरा देश लोक डाउन हुआ तो सरकार ने आपातकाल में ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मी स्वास्थ्य कर्मी सफाई कर्मी और पत्रकारों को कोरोना योद्धा का दर्जा दिया यह लोग उस स्थिति में काम कर रहे थे जब कोई घर से बाहर नहीं निकल रहा था |
कैथल ( विपिन शर्मा) || जब पूरा देश लोक डाउन हुआ तो सरकार ने आपातकाल में ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मी स्वास्थ्य कर्मी सफाई कर्मी और पत्रकारों को कोरोना योद्धा का दर्जा दिया यह लोग उस स्थिति में काम कर रहे थे जब कोई घर से बाहर नहीं निकल रहा था आज हम बात कर रहे हैं नगर परिषद में काम करने वाले सफाई कर्मियों की जिनको पहले कोरोना योद्धा का सम्मान दिया गया इनके ऊपर फूल बरसाए गए इनके लिए तालियां-थालिया बजाई गई .परन्तु अब 65 अनुबंध पर रात्रि में सफाई काम करने वाले कर्मचारियों को नौकरी से निकाल कर बेरोजगार कर दिया गया है | कर्मचारियों का कहना है कि यह केवल 65 लोग नहीं है इनके पीछे 350 लोग हैं जो इनके परिवार से है हमने लॉक डाउन में वह सभी काम किए जो हमारी ड्यूटी में शामिल नहीं थे हमने कोई छुट्टी भी नहीं ली राहत कोष में चंदा भी दिया अपनी वेतन भी कटवाया और यहां तक की जो लोग कोरोना पीड़ित आते थे उनकी मेडिकल वेस्ट वह भी हमने उठाया यहां तक कि अगर कोई कोरोनावायरस की मृत्यु हो जाती थी उसके संस्कार का प्रबंधन भी हम ही करते हैं जो कि हमारी ड्यूटी में नहीं आता उसके बावजूद भी सरकार ने हमारी अनदेखी की और हमें नौकरी से हटा कर बेरोजगार कर दिया है हम सरकार से मांग करते हैं कि हमेंदुबारा नौकरी पर रखा जाए अन्यथा यह धरना प्रदर्शन लगातार यूं ही चलते रहेंगे।