आतंकियों को तलाशती मगर पहचानती नहीं दिल्ली पुलिस , विशेष पड़ताल पर हाइ अलर्ट मे भी बेहद ढीला दिखा दिल्ली-हरियाणा पुलिस का रवैया, फोटो देख कर भी पहचान नहीं सकें आतंकी...
आप खुद देखिये हाई अलर्ट में भी कैसे चैन की नींद फरमा रहें हैं साहेब । दिल्ली हरयाणा बार्डर का भीड़-भाड़ वाला एरिया , जहां से पलक झपकते ही, गाडियाँ बार्डर क्रॉस कर जाती हैं वहाँ दिन के दोपहर मे तैनात हैं सिर्फ दो पुलिसकर्मी , और उसमें से भी एक अपनी नींद पूरी करने में व्यस्त हैं।
स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर लालकिले के प्राचीर से प्रधानमंत्री के सम्बोधन में महज चंद घंटे शेष बचे हैं और पुलिस का दावा है कि राजधानी पूरी तरह हाई अलर्ट पर है। यानी आतंकवादी तो दूर पुलिस की इजाजत के बिना राजधानी में कोई परींदा भी पर नहीं मार सकता। लेकिन आज हम आपको दिखायेंगे कि पुलिस के ये दावे कितने खोखले हैं। सुरक्षा के लंबे चौड़े वादे करने वाली दिल्ली-हरयाणा पुलिस सुरक्षा लापरवाही के सवाल पर कैसे अपने होंठ सिल लेती हैं।
गौर से देखिये इन चेहरों को.....ये वो हैं जिनके सिर बेगुनाहों के खून का इल्जाम है, ये वो हैं जिनके हाथ आतंक और जिहाद के खून से रंगे हैं । और पूरी पुलिसबल इन्हें शिद्दत से तलाश रही है। 15 अगस्त नजदीक आया तो इनकी धरपकड़ के लिए पुलिस ने कमर कस ली। दिल्ली और आसपास के इलाकों में इन आतंकियों के पोस्टर लगा दिये गये....बाकायदा गस्ट करती पुलिस की पीसीआर वैन पर इन आतंकियों के पोस्टर लगे हुए हैं.....लेकिन खुद क्या पुलिस ईतनी अलर्ट है..अगर हाँ तो कितना ?? उसकी झलक अब हम आपको दिखायेंगे.. अपनी विशेष पड़ताल में...।
आतंकियों के पोस्टर पीसीआर वैन और बाकी जगह लगाने का मकसद था कि आम लोग सचेत रहे..और जैसे ही ये आतंकी कहीं दिखे तो पुलिस को सूचना दे । लेकिन पुलिस का हाल ये कि खुद पुलिसवाले इन आतंकियों को नहीं पहचानते । ये सनसनीखेज सच उस वक्त सामने आया... जब हमारी टीम हरियाणा के कुंडली बॉर्डर पर पहुंची..यहां हमने हरियाणा पुलिस की वैन पर तैनात पुलिसकर्मियों से आतंकियों के फोटो दिखाकर सवाल किये..हमने पूछा की क्या आप इन्हें पहचानते हैं..तो पुलिसवालों ने आतंकियों को पहचानने से साफ इनकार कर दिया.. ऐसे में अगर वो आतंकी इनके सामने भी आकार खड़ा हो जाये तो ये कैसे पकड़ पाएंगे । कई जगहों पर तो सुरक्षा के नायक इस नाजुक माहौल मे भी ऑटो रिकसा और पुलिस चेक पोस्ट में सोते पाये गए । आप खुद देखिये हाई अलर्ट में भी कैसे चैन की नींद फरमा रहें हैं साहेब । दिल्ली हरयाणा बार्डर का भीड़-भाड़ वाला एरिया , जहां से पलक झपकते ही, गाडियाँ बार्डर क्रॉस कर जाती हैं वहाँ दिन के दोपहर मे तैनात हैं सिर्फ दो पुलिसकर्मी , और उसमें से भी एक अपनी नींद पूरी करने में व्यस्त हैं।
खैर, सिंघू बॉर्डर पर तैनात ये पुलिस के जवान थे..जो कितने अलर्ट हैं..इसका अंदाजा आपको हो गया होगा..लेकिन हम यहीं नहीं रूके..। हमारा अगला पड़ाव था..हरियाणा का कुंडली..,यहां भी पुलिस भी खड़ी थी । हमने उनसे भी आतंकियों की तस्वीर दिखा कर उनसे पड़ताल की तो उन्होने भी उन आतंकयो को पहचानने से इंकार कर दिया । वही अलीपुर थाने में तैनात इस पुलिसकर्मी कि बात सुनिए, ये पुलिसकर्मी कहता है कि 15 अगस्त को लेकर विशेष ड्यूटी पर है। जाहिर है जिन आतंकियों के पोस्टर राजधानी में चस्पा किये गये हैं..उनकी इसे बखूबी पहचान होगी..लेकिन हद तो तब हो गई..जब इन्होंने एक दो नहीं बल्कि कई आतंकियों को पहचानने से इनकार कर दिया..हालांकि पुलिस के इस जवान का दावा था कि आतंकियों की तस्वीर इसके मोबाइल फोन में है..आतंकियों पर नज़र रखने और उनकी गिरफ्तारी को लेकर दिल्ली पुलिस कितनी सतर्क है..इसका अंदाजा आपको हो चुका होगा..और ऐसे हालात से साफ जाहिर है कि जिन आतंकियों की पुलिस तलाश कर रही है..उनके लिए राजधानी में एंट्री करना..और घूमना नामुमकिन तो बिल्कुल नहीं है..अब तक आपने जो देखा..अगर उसे देखकर ही आप हैरान हैं..तो ठहरिये..क्योंकि आपके होश उस वक्त उड़ जायेंगे..जब जानेंगे कि दिल्ली में किसी आतंकवादी का ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना कितना आसान हैं और उससे भी आसान है पुलिस को चकमा देकर दिल्ली मे घुसना । ना सिर्फ इनका फर्जी लाइसेन्स बन गया बल्कि और बकायदा सिंघू बार्डर पर हरयाणा पुलिस ने इनका चालान भी काटा । इससे साफ जाहीर होता हैं कि पुलिस को अपराधियों की कितनी पहचान हैं । जब पुलिसया नजर का ये हाल है तो आम आदमी आतंकवादियों को कैसे पहचानेगी और किस उम्मीद मे इन पुलिस वालों को सूचित करेगी । मिर्जा सादाब बेग...मोहम्मद खालिद....मोहसीन चौधरी....डॉक्टर शाहनवाज......मोहम्मद साजिद...इन पांच आतंकियों से दिल्ली को बहुत बड़ा खतरा है..इनकी मौजूदगी राजधानी में खूनखराबे की दस्तक होगी..और इनके होने वाले खतरे को दिल्ली पुलिस समझती है..यही वजह है कि पुलिस हाई अलर्ट पर है..लेकिन चंद पैसों के लिए कुछ लोग दिल्ली और देश की सुरक्षा से समझौता करने को तैयार हैं..जी हां, इन्हीं आतंकियों की पासपोर्ट साइज फोटो लेकर हम दिल्ली के संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर पहुंचे..यहां हमारी मुलाकात हरियाणा, पंजाब और यूपी के फर्जी लाइसेंस बनाने वाले दलालों से हुई..इन्होंने बिना देर किये सौदा तय किया..और तीन आतंकियों के लाइसेंस बना डाले..। अपने धंधे के आगे देश इनको भी नहीं दिखा । स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर अलर्ट के इस माहौल मे भी चंद पैसो के लिए ये देश की सुरक्षा से खिलवाड़ कर गयें ।
जब राजधानी पर खतरा मंडरा रहा हो..ऐसे वक्त में दिल्ली की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों की लापहरवाही सोचने पर मजबूर करती है..कि आखिर ऐसे पुलिसवालों के भरोसे राजधानी कैसे महफूज रहेगी ??