राजधानी दिल्ली के अमन विहार इलाके में कुछ दबंग फाइनेंसर युवकों ने दिखाई अपनी गुंडागर्दी, ब्याज के पैसे समय पर ना देने पर युवक को घर से बुलाकर घण्टो तक पीटा...
ये है विशाल जिस के शरीर पर मिले जख्म के निशानों को देख कर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इसके साथ किस तरीके से बर्बरता पूर्वक मारपीट की गई है डंडे और प्लास्टिक के पाइप से कई घंटे तक इस युवक को बुरी तरीके से मारा पीटा गया और कई लोगों ने मिलकर उसके साथ मारपीट की। दरअसल पीड़ित विशाल परिवार के साथ अमन विहार इलाके में रहत है।
4-5 लोगो ने की विशाल नाम के युवक के साथ की मारपीट महज एक डेढ़ हजार रुपये देने में हुई थी देरी ... पीड़ित युवक के पूरे शरीर पर मारपीट के गहरे जख्म के निशान ... बावजूद इसके अमन विहार थाना पुलिस पर लगे मामले में समझौता कराने और उचित कार्यवाही न करने के गंभीर आरोप।
विशाल ने बताया कि रोहिणी के कुछ फाइनेंसरो से उसने ₹10000/-ब्याज पर लिए थे जिसके बदले में वह हर रोज ₹150/- रुपए की किश्त उनको दे रहा था ऐसा करते हुए वह करीब ₹9000/-विशाल इन फाइनेंसर को वापस भी कर चुका था लेकिन इसी बीच विशाल की मां की तबीयत खराब हो गई और वह 3-4 तक इन तथाकथित फाइनेंसरर्स को रुपए नहीं दे पाया. इसी बात पर बीते शुक्रवार को आशू यादव नाम के बदमाश फाइनेंसर में तरुण नाम के लड़के को विशाल के घर भेजा और उसको गाड़ी में बैठा मुँह पर कपड़ा डालकर साथ ले गये। और वहां पर 4 से 5 लोगों ने मिलकर विशाल के साथ बर्बरता की सारी हदें पार कर दी।
पीड़ित विशाल के पिता ने बताया कि आरोपी फाइनेंन्सर आशु यादव, तरुण और उसके साथियों जब पीट-पीट कर मन भर गया तो विशाल को गाड़ी में डालकर रोहिणी सेक्टर 20 के पेट्रोल पंप के पास छोड़ गए, और पिस्टल दिख कर उसे धमकाया की अगर पुलिस के पास गया तो तुझे गोली मार देंगे। वहां से विशाल जैसे-तैसे अपने घर पहुंचा और फिर पुलिस को 100 न. पर मामले की सूचना दी फिर बाद में अमन विहार थाने में पुलिसकर्मियों को आपबीती बताई। पीड़ित परिवार का आरोप है कि विशाल के शरीर पर चोट के इतने गहरे निशान होने और हर आरोपी का नाम पुलिस को बताने के बावजूद भी अमन विहार थाना पुलिस ने अभी तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं की है और पुलिस के इसी ढीले रवैये से विशाल और उसका परिवार परेशान और हैरान है... इतना ही नही पीड़ित पक्ष का आरोप है कि पुलिस ने पहले तो बयान में फेर बदल कराया और अभी तक उन्हें न तो FIR की कॉपी दी है और न ही कार्यवाही की कोई जानकारी साथ ही पुलिस ही अब इनपर समझौते का दवाब बना रही है। तब से लेकर आजतक पीड़ित थाने के चक्कर लगा रहे हैं।
बरहाल इस मामले में पुलिस के आला अधिकारियों से संपर्क नही हो सका है। लेकिन इस तरीके के मामले सामने आने के बाद सवाल यह खड़ा होता है की चंद रुपयों के लिए कोई अपनी गुंडागर्दी और दंबगई दिखाकर किसी को इतनी बुरी तरीके से कई घंटों तक मारपीट कैसे कर सकता है उससे बड़ा सवाल की बर्बरता की इस सारे सबूत होने के बावजूद पुलिस आरोपियों पर कोई सख्त कार्यवाही क्यों नहीं कर रही है ऐसे में कोई पीड़ित इंसाफ की आस लेकर जाए भी तो कहाँ, क्योंकि पुलिस के दरवाजे से तो उसे खाली हाथ ही लौटना पड़ता है। अब देखना होगा कि क्या पीडत पक्ष को इंसाफ मिल पाता है या नहीं ?