Yamunanagar: छठ 2019: उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
इस दौरान लोग भक्ति भाव में डूबे नजर आए और नदियों के किनारे आस्था का सैलाब देखने को मिला। यह एक ऐसा पर्व है जिसमें उगते सूरज के साथ-साथ डूबते सूरज की भी पूजा होती है ।जिस तरह डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए घाटों पर भक्तों और श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी , इसी तरह सुबह होती ही भगवान भास्कर की पूजा अर्चना की गई। घाटों के किनारे आस्था का रंग और छठ की छटा दिखाई दी।
यमुनानगर (सुमित ओबेरॉय) || कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमि तिथि को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ आस्था और संस्कार के पर्व छठ का समापन हो गया । उगते सूरज को अर्घ्य देने के लिए आज सुबह से ही छठ घाटों पर लोगों की भीड़ देखने को मिली। चार दिन चलने वाले छठ पर्व के दौरान दो बार सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. पहला अर्घ्य षष्ठी तिथि के दिन डूबते सूर्य को दिया जाता है, जबकि दूसरा अर्घ्य सप्तमी तिथि को उदय होने वाले भगवान भास्कर को दिया जाता है।
नदी, तालाब और नहरों पर बने छठ घाटों के पानी में उतरकर महिलाओं ने भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया । चार दिन वाले इस पर्व के तीसरे यानी शनिवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया । इस दौरान लोग भक्ति भाव में डूबे नजर आए और नदियों के किनारे आस्था का सैलाब देखने को मिला।
यह एक ऐसा पर्व है जिसमें उगते सूरज के साथ-साथ डूबते सूरज की भी पूजा होती है ।जिस तरह डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए घाटों पर भक्तों और श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी, इसी तरह सुबह होती ही भगवान भास्कर की पूजा अर्चना की गई। घाटों के किनारे आस्था का रंग और छठ की छटा दिखाई दी।
पूजा अर्चना कर रहे लोगो का कहना है कि 4 दिन का यह महापर्व बड़ी धूम धाम से मनाया गया । आज उगते सूरज को अर्घ्य देकर हमने अपना व्रत खोल है, ओर अब घर जाकर की कुछ खाएंगे । बच्चो ओर पति की लंबी आयु और उज्जवल भविष्य के लिए यह व्रत रखा जाता है और जो भी मुराद हमारी होती है छठ मैया वो जल्द पूरी कर देती है । सुबह 4 बजे से ही यमुना घाट ओर लोगो की भीड़ देखी गयी थी और जो माहौल था वो भी भक्तिमय था।