चरखी दादरी : श्रमिकों के पैसे खत्म हुए तो रोडवेज कर्मियों ने खाना खिलाकर कटवाई टिकट ...
रोडवेज कर्मचारी विजयपाल ने बताया कि डिपो महाप्रबंधक धनराज कुंडू द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि इस संकट की घड़ी में जो बस स्टैंड पर आने वाले प्रवासी श्रमिकों को खाना खिलाकर मास्क दिए जाएंगे। रोडवेज कर्मचारियों ने आपस में मिलकर चंदा एकत्रित करते हुए श्रमिकों को भोजने, मास्क, सेनेटाइजर उपलब्ध करवाए हैं। जिन श्रमिकों के पास पैसा नहीं था, उनकी टिकट कटवाकर बसों में बैठाया गया है। इस दौरान जो भी श्रमिक बस स्टैंड पर आएगा, भूखा नहीं रहेगा।
चरखी दादरी ( प्रदीप साहू ) चरखी दादरी साहब, इस संकट की घड़ी में यहां के लोगों का जो प्यार व हौंसला मिला है, वह ताउम्र नहीं भूलेंगे। कई किलोमीटर भूखे व प्यासे बस स्टैंड पर पहुंचे थे। पैसे भी नहीं थे और टिकट कैसे लें, घर जाने से पहले ही सोचकर दुखी हो रहे थे। ऐसे में बस स्टैंड पर रोडवेज कर्मियों ने उनको खाना खिलाया और अपने खर्च पर ही टिकट कटवाकर उनको बस से विदा किया। इसी इज्जत तो अपने प्रदेश में भी नहीं। संकट टला तो जरूर इस क्षेत्र में कार्य पर आएंगे।रोडवेज बसें चलने की सूचना पर दर्जनों प्रवासी श्रमिक कई किलोमीटर पैदल चलकर बस स्टैंड पर भूखे-प्यासे पहुंचे थे। पैसे भी खत्म हो गए और टिकट भी नहीं कटवा पा रहे थे। ऐसे में रोडवेज कर्मियों ने एकजुट होते हुए उनको खाना खिलाया, मास्क दिए और अपने खर्च पर टिकट कटवाकर बसों में बैठाकर रवाना किया। इस दौरान श्रमिकों ने अपनी पीड़ा बयां की और बताया कि इस संकट की घड़ी में रोडवेज कर्मचारियों ने उनकी जो इज्जत करते हुए मदद की है, ऐसी उनके प्रदेश में भी नहीं मिलती। प्रवासी श्रमिक राजू, रामधन व जयप्रकाश ने बताया कि वे 18 लोग खानपुर से पैदल चलकर बस स्टैंड पर आए हैं। रास्ते में किसी ने लिफ्ट नहीं दी, जो कुछ कमाया था वह खाने पर खर्च हो गया। अब उनके पास ना तो खाना बचा और ना ही पैसे। बस चलने की जानकारी मिली थी तो बस स्टैंड पर काफी चिंतित थे। इस दौरान रोडवेज के कर्मचारियों ने उनको खाना खिलाकर टिकट के पैसे दिए हैं। हम उनका धन्यवाद करते हैं।रोडवेज कर्मचारी विजयपाल ने बताया कि डिपो महाप्रबंधक धनराज कुंडू द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि इस संकट की घड़ी में जो बस स्टैंड पर आने वाले प्रवासी श्रमिकों को खाना खिलाकर मास्क दिए जाएंगे। रोडवेज कर्मचारियों ने आपस में मिलकर चंदा एकत्रित करते हुए श्रमिकों को भोजने, मास्क, सेनेटाइजर उपलब्ध करवाए हैं। जिन श्रमिकों के पास पैसा नहीं था, उनकी टिकट कटवाकर बसों में बैठाया गया है। इस दौरान जो भी श्रमिक बस स्टैंड पर आएगा, भूखा नहीं रहेगा।