जम्मू कश्मीर में तैनात BSF के जवान की ड्यूटी पर तैनात के दौरान हुई मौत
जवान ईशम सिंह को अंतिम विदाई पूरे सैनिक सम्मान के साथ दी गई। हजारों की संख्या में ईशम सिंह की अंतिम यात्रा के समय में हजारो लोग शामिल हुए।तो वहीं पर ईशम सिंह की बेटी ने रोते हुए सल्यूट मारकर अपने पिता को श्रद्धांजलि दी।
कैथल (विपिन शर्मा भारद्धाज) उधमपुर मेसेंट्रल ( जम्मू कश्मीर ) में तैनात बीएसएफ के जवान की ड्यूटी पर तैनात के दौरान हुई मौत।सैनिक सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई। जवान ईशम सिंह की पत्नी का कहना मेरे दो बेटे हैं दोनों को देश की सेवा के लिए भेजूंगी सेना में। बेटी ने सैल्यूट मार कर अपने पिता को दी श्रद्धांजलि।हरियाणा के कैथल के गांव क्योड़क का लाल ईशम सिंह 1991 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे जो इस समय उधमपुर के सेंट्रल में अपनी हवलदार के पद पर ड्यूटी दे रहे थे तो 2 दिन पहले ड्यूटी के दौरान ही उनकी मौत हो गई जिसका सदमा पूरे परिवार और गांव में लगा हुआ है ईशम सिंह के चार बच्चे हैं दो बेटे और दो बेटियां।गांव वालों ने और सभी परिजनों ने ईशम सिंह को नम आंखों से विदाई दी।तो वहीं पर ईशम सिंह की पत्नी ने कहा कि मेरे दो बेटे हैं उन दोनों को भी देश की सेवा के लिए सेना में भेजूंगी।जवान ईशम सिंह को अंतिम विदाई पूरे सैनिक सम्मान के साथ दी गई। हजारों की संख्या में ईशम सिंह की अंतिम यात्रा के समय में हजारो लोग शामिल हुए।तो वहीं पर ईशम सिंह की बेटी ने रोते हुए सल्यूट मारकर अपने पिता को श्रद्धांजलि दी। लगभग 28 साल की नौकरी उन्होंने बहुत ईमानदारी और निष्ठा से निभाई है और देश की सेवा के लिए अंतिम सांस तक डटे रहे। ड्यूटी के दौरान ईशम सिंह की मौत होने के कारण परिवार वाले और गांव वाले चाहते हैं कि ईशम सिंह को भी शहीद का दर्जा दिया जाए और हरियाणा सरकार इस परगरीब परिवार की मदद करे क्योंकि वह देश की सेवा करते हुए ही अपने प्राण छोड़ गए।