यमुनानगर हुआ देश का नंबर वन प्रदूषित शहर...
हरियाणा का यमुनानगर औद्योगिक शहर प्रदूषण के मामले में देश में पहले नंबर पर आ गया है। सोमवार को यमुनानगर की एयर क्वालिटी 345 दर्ज की गई जो देश भर में सर्वाधिक थी। इसी को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने कई कदम उठाए हैं।
यमुनानगर (सुमित ओबेरॉय) || यमुनानगर औद्योगिक शहर है जहां हजारों छोटे-बड़े उद्योग लगे हुए हैं। इसके अलावा आजकल खेतों में पराली जलाने की घटनाएं भी बढ़ती जा रही हैं। कई इलाकों में कूड़े के ढेर में आग लगाने के मामले भी सामने आ रहे हैं। इस सबके अलावा कंस्ट्रक्शन वर्क प्रदूषण बढ़ाने का एक बड़ा कारण सामने आया है। वाहनों में रेत, सीमेंट ले जाने वाले वाहन भी प्रदूषण की मात्रा को बढ़ा रहे हैं। लगातार बढ़ते प्रदूषण से लोग परेशान हैं। लोगों का कहना है कि सभी को अपना कर्तव्य समझकर इस में अपना योगदान देना चाहिए। एडवोकेट के बी मेहता का कहना है कि थर्मल प्लांट को भी बंद करने की बात चल रही है बल्कि थर्मल में प्रदूषण न फैले इसके उपकरण लगाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि पराली से ही प्रदूषण नहीं फैलता अन्य कई कारण है, स्क्रीनिंग प्लांट है, माइनिंग जोन है वह भी एक बड़ा कारण है प्रदूषण बढ़ने का। वही एडवोकेट नरेश शर्मा का कहना है कि नगर निगम कर्मचारी कूड़े के ढेरों में आग लगा देते हैं, ऑटो से भी प्रदूषण फैलता है सभी को प्रदूषण रोकने के लिए काम करना होगा ।
वही,हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रीजनल ऑफिसर निर्मल कुमार का कहना है कि कल यमुनानगर में एयर क्वालिटी 345 थी अभी 89 है। कल पुअर क्वालिटी में था और रेड जोन में था। उन्होंने कहा कि डीसी साहब ने भी संज्ञान लिया है और उनसे इसमें कदम उठाने के लिए कहा है। प्रदूषण की गुणवत्ता कम करने के लिए कई विभागों का सहयोग लिया जाएगा उन्होंने बताया कि नगर निगम की तरफ से शहर में छिड़काव करवाया जाएगा वही सॉलि़ड वेस्ट बर्निंग के भी कई मामले सामने आए हैं। कचरा इकट्ठा होकर उसमें आग लगाने की घटनाओं को भी रोकना होगा और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी। इसके अलावा सड़क की मरम्मत व निर्माण भी रात्रि को किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई भी वाहन जिसमें कंस्ट्रक्शन मेटेरियल है उसे कवर करके ही ले जाया जाना चाहिए और वह भी एक सड़क से ज्यादा वाहन ना गुजरे उन्हें अलग-अलग सड़कों से ले जाया जाए। ताकि एक जगह प्रदूषण इकट्ठा ना हो।उन्होंने कहा कि यमुनानगर में हाला की पराली जलाने के 190 मामले अभी तक सामने आए हैं लेकिन कुरुक्षेत्र वा करनाल में यह संख्या 500 से अधिक है और अंबाले में 300 से ज्यादा ऐसे मामले सामने आए हैं साथ लगते शहर भी यमुनानगर की एयर क्वालिटी को इस स्तर तक पहुंचाने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।