क्या RBI लगा पायेगा महंगाई पर लगाम ?
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने शुक्रवार को रेपो दर में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी की घोषणा करते हुए REPO RATE को 5.40 प्रतिशत कर दिया। अब देखना यह होगा की RBI का यह दावं महंगाई को मात दे पाता है या नहीं।
Delhi | Himanshi Rajput | देश में महंगाई बढ़ती ही जा रही है। अब तो विपक्ष ने भी महंगाई के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। देश में बढ़ती महंगाई को लगाम लगाने अब RBI सामने आयी है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दर-निर्धारण पैनल ने प्रमुख उधार दर, REPO RATE में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर दी है ।
वहीं कांग्रेस ने महंगाई के खिलाफ अपना बिगुल बजा दिया है कांग्रेस के सांसद व कार्यकर्ता काले कपडे पहन कर महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है। दूध, दही से लेकर सब्जी तक सब पर महंगाई की मार पड़ी है। आम जनता बढ़ती महंगाई से परेशान है। सरकार के काफी प्रयत्न करने के बाबजूद भी महंगाई पर नियंत्रण नहीं लग पाया है। बढ़ती महंगाई को देखते हुए अब RBI महंगाई पर लगाम लगाने मैदान में उतरी है। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने शुक्रवार को रेपो दर में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी की घोषणा करते हुए REPO RATE को 5.40 प्रतिशत कर दिया। अब देखना यह होगा की RBI का यह दावं महंगाई को मात दे पाता है या नहीं।
क्या है REPO RATE ?
भारतीय रिजर्व बैंक की 'मौद्रिक नीति समिति' निचले बैंको को RBI द्वारा लोन देने के लिए जो व्याज दर निर्धारित करती है, उसको Repo Rate कहा जाता है। REPO RATE के द्वारा RBI महंगाई व मंदी पर नियंत्रण करती है।
REPO RATE के बढ़ाने से क्या होता है?
REPO RATE के बढ़ाने से निचले बैंको का RBI से लोन लेने पर ज्यादा व्याज लगेगा जिस के चलते निचले बैंक अपने ग्राहकों को जब लोन देंगे तो उस पर भी ज्यादा व्याज लगाएंगे, लोन महंगे होने के कारण ग्राहक कम लोन लेंगे और बाजार में कम पैसा जायेगा। बाजार में कम पैसा जाने के कारण खरीदारी में कमी आएगी जिसके चलते वस्तुओं के दाम गिर जाते है।