आखिर क्यों मनाया आंगनवाड़ी वर्कर ने काला दिवस?
रोहतक आंगनवाड़ी वर्कर व आंगनवाड़ी सहायिका ने अपनी लंबित पड़ी मांगो को लेकर प्रदर्शन कर काला दिवस मनाया । कर्मचारियों का आरोप है कि 2018 में सरकार के साथ मीटिंग हुई थी मीटिंग में सरकार के साथ कुछ बातों पर सहमति हुई थी जिसके बाद सरकार ने उन मांगो को अभीतक पूरा नही किया है । कर्मचारियों के साथ दुघर्टना होने पर उन्हें तीन लाख रुपये दर्घटना राशि दी जाए ।
रोहतक || आंगनवाड़ी वर्कर व आंगनवाड़ी सहायिका ने अपनी लंबित पड़ी मांगो को लेकर प्रदर्शन कर काला दिवस मनाया । कर्मचारियों का आरोप है कि 2018 में सरकार के साथ मीटिंग हुई थी मीटिंग में सरकार के साथ कुछ बातों पर सहमति हुई थी जिसके बाद सरकार ने उन मांगो को अभीतक पूरा नही किया है । कर्मचारियों के साथ दुघर्टना होने पर उन्हें तीन लाख रुपये दर्घटना राशि दी जाए । कोरोना के समय तन्ख्वाह में कटौती की गई थी ओर सरकार ने उन्हें 75%देने का वादा किया था वह दी जाए , मानदेह में बढ़ोतरी की जाए आदि समस्याओं को लेकर प्रदर्शन किया है । आज आंगनवाड़ी वर्कर व साहिका मानसरोवर पार्क में इक्कठा हुई जिसके बाद शहर में से प्रदर्शन करती हुई जिला उपयुक्त कार्यालय पहुँची । जिसके बाद तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया है ।
आंगनवाड़ी वर्कर यूनियन की राज्य सचिव पुष्पा दलाल का कहना है कि आंगनवाड़ी वर्कर व सहायिका काफी वर्षों से अपनी लंबित पड़ी मांगों को लेकर सरकार से मांग कर रही है लेकिन सरकार उन मांगों को पूरा नहीं कर रही जिसको लेकर वह समय-समय पर प्रदर्शन करती रही हैं इसी कड़ी में आज रोहतक के मानसरोवर पार्क में सैकड़ो की संख्या में आंगनवाड़ी वर्कर व आंगनबाड़ी सहायिका इकट्ठा हुई और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की उनका कहना है कि सरकार उनके साथ वादा खिलाफी कर रही है क्योंकि 2018 में सरकार के साथ उनकी मीटिंग हुई थी जिसमें सरकार ने उनकी बातों को मान लिया था लेकिन अभी तक उन मांगों को पूरा नहीं किया है इसके विरोध में आज काला दिवस मनाया गया है और आंगनवाड़ी वर्कर व आंगनवाड़ी सहायिकाओं ने काले कपड़े पहनकर जिला उपायुक्त कार्यालय तक पहुंची इसके बाद उन्होंने तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया है उनकी मांग है कि आंगनवाड़ी वर्कर व आंगनबाड़ी सहायिकाओ की काम करते समय दुर्घटना में किसी कारण मौत हो जाती है तो उन्हें दुर्घटना राशि 3 लाख राशि दी जानी चाहिए ताकि उसके परिवार का गुजारा चल सके । वही कोरोना के समय मे उनकी तनख्वाह 75% काट ली गई थी लेकिन उन्होंने महामारी के समय मे बढ़ चढ़ कर काम किया था और सरकार ने उन्हें 75% मानदेय देने का वादा भी किया था लेकिन वह अभी तक नही दिया गया है इसलिए उन्होंने आज काला दिवस मनाया है ताकि सरकार नींद से जाग जाए अगर फिर भी सरकार उनकी बातों को नहीं मानती है तो वह आने वाले दिनों में प्रदेश स्तरीय मीटिंग कर बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होंगे ।