पिछले 70 दिनों से ज्यादा समय से अपनी मांगों को लेकर आशा वर्कर प्रदर्शन करने के साथ सरकार को ज्ञापन दे चुकी हैं लेकिन सरकार टालमटोल का रवैया अपना रही है! उनका कहना है कि सरकार उन्हें मात्र चार हज़ार रुपये मेहनताना दे रही है जबकि इसे बढ़ाकर 26 हज़ार किया जाना चाहिए। ईसी को लेकर आज आशा वर्कर अंबाला शहर के पॉलिटेक्निक चौक पर एकत्र हुई और वहां से पैदल मार्च करती हुई अंबाला शहर विधायक असीम गोयल की कोठी पहुंची! उन्होंने सरकार विरोधी नारे लगाते हुए प्रदर्शन करते 24 घंटे का सांकेतिक धरना शुरू किया! आशा वर्कर प्रधान ने बताया कि उनकी केवल यही मांग है उन्हें स्थाई वर्कर का दर्जा दिया जाए और न्यूनतम वेतन 26 हजार सुनिश्चित किया जाए, क्योंकि उनसे वेतन के मुकाबले काम अधिक लिया जाता है|
अब तो सरकार आशा वर्कर्स से ऑनलाइन काम भी करवाती है। जिससे उन पर काम का दबाव ज्यादा रहता है एप पर ऑनलाइन काम के दबाव के चलते हाल ही में सरकार द्वारा एक लेटर जारी किया गया जिसमें कई आशा वर्कर्स को काम से ये हवाला दे कर निकाल दिया गया कि वे काम नहीं करना चाहती। जिस पर उनका साफ तौर पर कहना आशा वर्कर्स काम से कभी पीछे नहीं हटी हैं जरूरत है तो सिर्फ उन्हें ऑनलाइन काम सिखाने की जिसके इंसेंटिव की भी वे मांग करती हैं। यदि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता तो वे सरकार को वोट की चोट से चलता कर देगी|
बॉबी आशा वर्कर ने बताया कि आज उनकी 24 घंटे की सांकेतिक हड़ताल है और यह हड़ताल अंबाला शहर विधायक असीम गोयल के निवास स्थान के बाहर शुरू की गई है! आशा वर्कर का कहना है कि वह बार-बार सरकार को नुमाइंदों के थ्रू ज्ञापन भी सो चुकी है लेकिन सरकार टालमटोल कर रवैया अपना रही है! आशा वर्कर ने सफाई रूप से चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द ही उनकी मांगों को मान लिया तो वह सरकार का चुनाव में साथ देगी अन्यथा वोट की चोट से सरकार को चलता कर देगी!