विभिन्न पिछड़ा वर्ग संगठन हुए एकजुट, पत्रकार वार्ता कर सरकार को घेरा

उपरोक्त मांगों को लेकर 7 अक्तूबर को भिवानी में धरना तथा 17 अक्तूबर को प्रदर्शन कर सरकार को चेताया जाएगा। यदि फिर भी सरकार नहीं चेती तो बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ईवीएम मशीन के सहारे तानाशाही कर रही है। ऐसे में किसी भी सरकार की तानाशाही को खत्म करने के लिए ईवीएम को बैन किया जाना अत्यंत आवश्यक है।

भिवानी || देश की आजादी से लेकर आज तक भेदभाव की राजनीति झेल रहे एससी-बीसी वर्ग को पहले ही काफी पीछे धकेल दिया गया। जिसके बाद पिछड़ा वर्ग के लोग सामाजिक व राजनीतिक पिछड़ेपन का शिकार झेलने पर मजबूर हो रहे है। इसके बावजूद भी अब भाजपा सरकार ने ओबीसी वर्ग की महिलाओं को विधानसभा व लोकसभा में 33 प्रतिशत आरक्षण के कोटे से बाहर रखकर उनके साथ विश्वासघात किया है। जिसके विरोध में देश भर में ओबीसी वर्ग में रोष है। यह बात राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश प्रजापति ने वीरवार को स्थानीय रोहतक गेट स्थित आरके पार्टी हॉल में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा व पिछड़ा वर्ग कल्याण महासभा हरियाणा के बैनर तले आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कही। इस दौरान उन्होंने महिला आरक्षण के अंतर्गत ओबीसी महिलाओं को भी संख्या के अनुपात में सीटें आरक्षित करने, महिला आरक्षण के अंतर्गत एससी, एसटी, ओबीसी के आरक्षण को सेपरेट इलेक्टोरेट के साथ लागू किए जाने, ओबीसी वर्ग को संख्या के अनुपात में आरक्षण दिए जाने, एससी, एसटी के राजनीतिक आरक्षण में सभी सेपरेट इलेक्टोरेट लागू किए जाने, ईवीएम के हटाने की मांग की। प्रजापति ने कहा कि उपरोक्त मांगों को लेकर 7 अक्तूबर को भिवानी में धरना तथा 17 अक्तूबर को प्रदर्शन कर सरकार को चेताया जाएगा। यदि फिर भी सरकार नहीं चेती तो बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ईवीएम मशीन के सहारे तानाशाही कर रही है। ऐसे में किसी भी सरकार की तानाशाही को खत्म करने के लिए ईवीएम को बैन किया जाना अत्यंत आवश्यक है। यदि सरकार ईवीएम मशीन को बैन नहीं करती है तो 26 नवंबर को वामसेफ व भारत मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम साहब के नेतृत्व में दिल्ली के केंद्रीय चुनाव कार्यालय का लाखों लोगों की संख्या में घेराव किया जाएगा।

पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए पिछड़ा वर्ग कल्याण महासभा हरियाणा के प्रदेश महासचिव इंद्र सिंह जाजनवाला ने कहा कि विधानसभा व लोकसभा में महिलाओं को आरक्षण देने के लिए लाए गए बिल में पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को वंचित करना देश के अधूरे विकास के बराबर ही है, क्योंकि ओबीसी वर्ग की महिलाओं को आरक्षण का लाभ दिए बिना महिला आरक्षण बिल अधूरा है। उन्होंने कहा कि ओबीसी समाज की आबादी में बड़ी हिस्सेदारी होने के बावजूद भी इस वर्ग की महिलाओं के लिए सरकार ने अलग से आरक्षण का प्रावधान नहीं रखकर उनकी अनदेखी की गई, जो कि साफ तौर पर भाजपा का पिछड़ा विरोधी कदम है। उन्होंने कहा कि सरकार इस बिल को जुमले की तरह लाई है।