यमुनानगर में 42 वर्षीय कोरोना पॉजिटिव मरीज की हुई मौत, परिजनों ने किया हंगामा...
यमुनानगर में 42 वर्षीय कोरोना पॉजिटिव मरीज की हुई मौत ।मृतक के परिजनों ने ईएसआई कोविड अस्पताल में किया हंगामा ।मृतक के परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग पर लगाये आरोप।
यमुनानगर (सुमित ओबेरॉय) || यमुनानगर में 42 वर्षीय कोरोना पॉजिटिव मरीज की हुई मौत ।मृतक के परिजनों ने ईएसआई कोविड अस्पताल में किया हंगामा ।मृतक के परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग पर लगाये आरोप।परिजनों के अनुसार रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद 2 घँटे तक अस्पताल से एम्बुलेंस के बीच चक्कर काटता रहा लेकिन मरीज को इलाज के बजाए कही और केयर में रेफर करने की बात कही गयी।इसी दौरान मरीज ने दम तोड़ दिया।मृतक के परिजनों ने इस पूरे मामले का वीडियो भी बनाया और परिजनों का कहना है कि समय पर इलाज ना मिलने पर ही मरीज की मौत हुई है।वही देर रात हो रहे इस हंगामे को देखते हुए पुलिस की टीमें भी मौके पर पहुंच गई थी। वही कोविड अस्पताल में मौजूद डॉ का कहना है कि वो इस पूरे मामले की रिपोर्ट लेंगे अगर कोई लापरवाही मिली तो कारवाई की जाएगी।हम 24 घँटे मरीजों के लिए यहाँ ड्यूटी दे रहे है ताकि कोई भी परेशान न हो।
कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत के बाद हुआ हंगामा। परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग पर लगाये लापरवाही के आरोप। मृतक के परिजनों ने बताया कि हम अपने हमारे मरीज की पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद उनको ट्रामा सेंटर से ईएसआई अस्पताल में लेकर आए थे ।उनको टाइफाइड बुखार था और उनके शरीर में दर्द थी। ट्रामा सेंटर से उन्हें ईएसआई रेफर किया गया। ईएसआई रेफर करने की जब बात आई पहले एंबुलेंस एक घंटा दरवाजे बंद करके खड़ी रही।हमारा मरीज एक घँटे तक एंबुलेंस में परेशान हो रहा।और जब कोविड अस्पताल पहुंचे तो 1 घंटे तक कोई स्ट्रक्चर नही मिला। नीचे वालों ने कहा कि ऊपर वाले आएंगे ऊपर वालों ने कहा कि नीचे वाले आएंगे ।हमने लाइव वीडियो बनाई और अस्पताल वालो से कहा कि हमारा मरीज मर जाएगा। मरीज को ऊपर लेकर गए ऊपर उनको कूलर के आगे लिटाया गया। उनको ऑक्सिजन लगाई ।उनको ऑक्सीजन लगाई तभी स्वास्थ्य विभाग का एक डॉक्टर आया और उसने कहा कि इस मरीज को यहां नहीं रखेंगे यहां जगह नहीं है। इस पर परिवार ने कहा कि यह आपको देखना चाहिए कि फिर यहां पर क्यों भेजा है और एक पर्ची बनाकर हमें नीचे भेज दिया। बोल दिया कि मरीज को केयर में लेकर जाओ एंबुलेंस वालों को भी यह मालूम नहीं था कि केयर कौन सा है।हमारी आंखों के सामने केयर केयर करते ही इतनी देर में हमारे मरीज ने दम तोड़ दिया। मरीज का नाम सहदेव था उनको लंग्स में प्रॉब्लम थी सांस की दिक्कत थी। पर जब यहाँ आए तो सांस की कोई दिक्कत नहीं थी ।अस्पताल की तरफ से समय पर कोई भी इलाज ने नहीं दिया गया अस्पताल की लापरवाही की वजह से हमारे मरीज की मौत हुई है।वही परिजनों ने डेड बॉडी अस्पताल से निकलने पर मरीज का चहेरा दिखाने की मांग की।जिस पर अस्पताल की टीम ने परिजनों को चेहरा दिखाया और तब जाकर परिजनों का गुस्सा शांत हुआ।
अस्पताल में मरीज की मौत के बाद अस्पताल में मौजूद डॉ अनूप ने बताया कि पेशेंट को ट्रामा सेंटर से रेफर किया गया था। यहाँ कोविड अस्पताल में सभी बेड फुल होने के कारण थोड़ा शिफ्ट में जो भी प्रॉब्लम हुई है। मेरे पास जब फोन आया तो मैंने कहा कि इसको मैनेज करो ।मरीज की हालत को देखते हुए केयर में शिफ्ट करने के लिए कहा गया क्योंकि वहां पर वेंटिलेटर है | केयर पार्टनर में वहां पर सब कुछ अरेंज करवाया गया। सब कुछ ऊपर से सेटल कर के मरीज को नीचे ठीक-ठाक भेजा एंबुलेंस में भेजा गया।हार्ड अटैक आने से मरीज की मौत हुई है नीचे आने के बाद सैचुरेशन पहले से थी इसलिए वहां नहीं जा पाए यह कारण हो सकता है। वही जो परिजनों के आरोप हैं इस पर डॉ अनूप ने कहा कि कि मैं जो इस समय ड्यूटी पर डॉक्टर थे और जो एंबुलेंस में कर्मचारी थे या जो फोर्थ क्लास कर्मचारी थे सब से पूछताछ कर लूंगा। की सच्चाई क्या है ।अगर कोई भी मरीज गंभीर हालत में आता है उसे या तो इलाज मिलना चाहिए या समय पर शिफ्ट होना चाहिए। इसीलिए 24 घंटे हम यहां पर ड्यूटी दे रहे हैं ।कि कोई भी मरीज परेशान और दुखी ना हो सच्चाई निकाली जाएगी।