गुजरात में स्वच्छता कार्य देख मोदी के मुरीद हुआ ट्रक ड्राइवर
रामचंद्र बीते नौ सालों से बिना किसी लोभ-लालच के सेवा भावना से अपने कार्य में जुटे हुए है। उन्होंने बताया कि उन्होंने लिखित शपथ पत्र दे रखा है कि यदि वे कहीं भी स्वच्छता कार्य करते समय किसी हादसे का शिकार हो जाए या उनकी मौत हो जाए तो उसका जिम्मेदार कोई नहीं होगा वे स्वयं जिम्मेवार होंगे और इसके बदले किसी प्रकार का अनुदान या कोई आर्थिक सहायता भी उनके परिजनों को ना दी जाए वे केवल और केवल सेवा भावना से कार्य करना चाहते हैं।
चरखी दादरी || सामान्यत: 70 साल की आयु में आदमी को खुद को स्वस्थ्य व स्वच्छ रखने के लिए संघर्ष करना पड़ता है लेकिन चरखी दादरी के गांव कारी मोद निवासी 71 वर्षीय रामचंद्र स्वामी ने नौ साल पहले देश को स्वच्छ बनाने की ठानी और झाडू उठा अकेले ही स्वच्छता मुहिम शुरू की जो आज भी जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित होकर सेवा भावना से झाडू उठाने वाले रामचंद्र अपनी झाडू से नि:शुल्क सार्वजनिक स्थानों को चमकाने में जुटे हुए हैं और उन्होंने हरियाणा के अलावा गुजरात में कई स्थानों पर लगातार स्वच्छता मुहिम चलाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान से प्रभावित होकर करीब 9 साल पहले झाड़ू उठाई थी और वे पीएम से मिलने की तमन्ना लिए अपने कार्य में जुटे हुए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भगवान कृष्ण स्वरूप मानने वाले रामचंद्र स्वयं को गरीब सुदामा बताते हैं और पीएम मोदी से मिलने दो बार दिल्ली तक की पैदल यात्रा कर चुके हैं लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो पाई है। नरेंद्र मोदी के प्रति उनकी आस्था के चलते लोग उन्हें मोदी भक्त के नाम से जानते हैं। गांव कारीमोद निवासी रामचंद्र स्वामी ट्रक ड्राइवरी का काम करते थे और अक्सर उनका गुजरात आना-जाना रहता था। वहां के कार्यों से प्रभावित होकर उनके मन में नरेंद्र मोदी के प्रति आस्था जगी। वहीं जब 2014 लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का चेहरा घोषित किया गया तो उन्होंने उनके प्रधानमंत्री बनने की कामना करते हुए तीन महिने नौ दिन का उपवास रखा। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री ने पीएम बनने के बाद जब झाडू उठाकर स्वच्छता अभियान की शुरूआत की तो रामचंद्र ने भी ट्रक ड्राइवरी छोड़ झाडू उठा ली और स्चछता अभियान की शुरूआत की। रामचंद्र उसके बाद से एक ओमिनी कार रखते हैं और उसी में हमेशा झाडू साथ रखते और अलग-अलग स्थानों पर पहुंचकर मुख्य बाजारों, चौक-चौराहों के अलावा सार्वजनिक स्थानों पर सफाई में जुटे रहते हैं।
अनेक ग्राम पंचायत कर चुकी है सम्मानित
रामचंद्र सार्वजनिक स्थानों के अलावा गांवों में पहुंचकर पूरे गांव को अकेले दम पर स्वच्छ करते हैं। इसके लिए कई पंचायतों द्वारा उन्हे प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किए गए हैं। इसके अलावा वे सार्वजनिक स्थानों व मुख्य बाजारों में लगातार अभियान चलाते हैं। उन्होंने कई बार गुजरात में भी स्वच्छता अभियान चलाए हैं जिनमें प्रमाण पत्र उनके पास मौजूद हैं।
मोदी से मिलने की है आखिरी तमन्ना
झाडू के साथ गाड़ी में नरेंद्र मोदी की फोटो साथ रखने वाले रामचंद्र की तमन्ना है कि वे एक बार नरेंद्र मोदी से मिले। इसके लिए उन्होंने प्रयास भी किया और 170 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर दिल्ली पहुंचे लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो पाई। वहीं रामचंद्र का ये भी कहना है कि वे किसी की सिफारिश से उनसे नहीं मिलेंगे बल्कि अपनी काम की बदौलत उनसें मिलेंगे। उन्होंने कहा कि वे उन्हें कृष्ण भगवान स्वरूप मानते हैं और उसे उम्मीद है कि एक दिन ये सुदामा उन तक अवश्य पहुंचेगा।