पलवल के मॉडल संस्कृति स्कूल में अध्यापकों की भारी कमी
स्कूल में गणित, फिजिक्स, कैमिस्ट्री, बायो हिस्ट्री, पॉलिटिकल, इंग्लिश, सामाजिक विज्ञान, फाइनआर्ट, कॉमर्स के अध्यापक पिछले एक साल से नहीं है। पिछले एक साल से इन विषयों के अध्यापको के पद रिक्त पड़े हुए है। कक्षा 6 से 12 वी तक शिक्षको की कमी है।
पलवल || सरकार चाहे भले ही लाख दावे करती हो लेकिन आज भी सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की भारी कमी देखने को मिलती है। हथीन खंड के शाहिद नायक राजेंद्र सिंह मॉडर्न संस्कृति स्कूल में केवल चार अध्यापकों के सहारे 600 बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई पर कितना असर पड़ रहा होगा और यहां से बच्चे पढ़ कर क्या निकलेंगे। कहने को तो यह मॉडल संस्कृति स्कूल है लेकिन मुख्य विषयों के अध्यापक ही स्कूल में नहीं है। स्कूल में गणित, फिजिक्स, कैमिस्ट्री, बायो हिस्ट्री, पॉलिटिकल, इंग्लिश, सामाजिक विज्ञान, फाइनआर्ट, कॉमर्स के अध्यापक पिछले एक साल से नहीं है। पिछले एक साल से इन विषयों के अध्यापको के पद रिक्त पड़े हुए है। कक्षा 6 से 12 वी तक शिक्षको की कमी है। जिम्मेदार अधिकारी बेखबर है। जनप्रतिनिधियों का भी इस तरफ कोई ध्यान नही है। आपको बता दे की हथीन उपमंडल के कई ऐसे और स्कूल है जिनमे अध्यापकों की बहुत कमी है। विभाग का इस तरफ कोई ध्यान नही है। हथीन खंड के कौंडल, ढकलपुर, लडमाकी, पहाडपुर, मीरपुर और बाबूपुर के माध्यमिक स्कूलों में तैनात स्टाफ की ट्रांसफर ड्राइव के दौरान हुए तबादलों के कारण दूसरे जिलों में तैनाती हो गई थी। इन स्कूलों में उसके बाद एक भी शिक्षक की नियुक्ति नहीं हो पाई है। पिछले एक वर्ष से ये स्कूल बिना शिक्षकों के काम चलाऊ ढंग से चलाए जा रहे हैं। ऐसे में छात्र छात्राओं का भविष्य कैसे उज्वल होगा।