मरीजों का उपचार अब चिकित्सक नहीं बल्कि वार्ड सर्वेंट के जिम्मे

स्वास्थ्य विभाग की यह लापरवाही किसी की जिंदगी पर भारी पड़ सकती है। सिविल अस्पताल में आने वाले मरीजों को शुरुआत में चिकित्सक देखता है और उपचार के लिए दवाइयां लिखता है। इसके बाद स्टॉफ नर्स उस पर्ची पर लिखी हुई दवाइयां मरीज को देती हैं और इंजेक्शन लगाती हैं। जबकि सिविल अस्पताल में तो न चिकित्सक और न ही स्टॉफ नर्स, मरीजों का उपचार वार्ड सर्वेंट के भरोसे ही हो रहा है।

चरखी दादरी || दादरी के सिविल अस्पताल में लोग बेहतर उपचार करवाने की आस लिए पहुंचते हैं। लेकिन यहां मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। क्योंकि सिविल अस्पताल में आने वाले मरीजों का उपचार अब चिकित्सक नहीं बल्कि वार्ड सर्वेंट के जिम्मे है। यहां मरीजों को वार्ड सर्वेंट अपने हिसाब से ही दर्द या अन्य तकलीफ में इंजेक्शन लगाते हैं। ऐसे ही मामले की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। जिसमें वार्ड सर्वेंट इमरजेंसी रूम में एक महिला मरीज को इंजेक्शन लगा रहा है। यहीं नहीं खुद वार्ड सर्वेंट, वीडियो बनाने वाले व्यक्ति को जो इंजेक्शन लगाया है वह भी दिखा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की यह लापरवाही किसी की जिंदगी पर भारी पड़ सकती है। सिविल अस्पताल में आने वाले मरीजों को शुरुआत में चिकित्सक देखता है और उपचार के लिए दवाइयां लिखता है। इसके बाद स्टॉफ नर्स उस पर्ची पर लिखी हुई दवाइयां मरीज को देती हैं और इंजेक्शन लगाती हैं। जबकि सिविल अस्पताल में तो न चिकित्सक और न ही स्टॉफ नर्स, मरीजों का उपचार वार्ड सर्वेंट के भरोसे ही हो रहा है। डिप्टी सीएमओ डॉ. गौरव भारद्वाज ने वायरल वीडियो संज्ञान में आने पर कमेटी बनाकर जांच की बात कही। उन्होंने बताया कि मरीज को इंजेक्शन लगाने का कार्य चिकित्सक या स्टाफ नर्स का है। वायरल विडियो में वार्ड सर्वेंट की बड़ी चूक हो सकती है। इस मामले में विभागीय कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी के रिपोर्ट अनुसार दोषी पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।