ओवरफ्लो होने से नहर टूटी, किसानों के अरमान पानी में बहे
ऐसे में खेतों से होते हुए पानी गांव की और जाना शुरू हो गया है। नहर के पानी से कपास, बाजरा, ज्वार व अन्य फसलों में कई फूट पानी जमा हो गया है। जिससे किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है। वहीं मौके पर पहुंचे सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता गौरव लांबा ने बताया कि बारिश के कारण नहर में क्षमता से अधिक पानी छोड़ा गया है, दूसरा कोई विकल्प नहीं होने के चलते ज्यादा पानी आने से नहर टूटी है।
चरखी दादरी || ओवरफ्लो होने के चलते कासनी नहर टूट गई। जिसके चलते आसपास की सैंकड़ों एकड़ पानी में डूब गई। पानी में फसलें डूबने से जहां किसानों के अरपानी पानी में बह गए वहीं गांव कासनी व सौंप के ग्रामीणों ने नहर पाटने का कार्य शुरू नहीं होने पर रोष जताया। करीब 24 घंटे बाद सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने मौका निरीक्षण करते हुए किसानों से चर्चा की। इस दौरान पूर्व मंत्री ने अधिकारियों व सरकार की कार्यप्रणाली सवाल उठाते हुए स्पेशल गिरदावरी करवाकर 50 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवाजा की मांग उठाई। वहीं अधिकारियों ने नहर पाटने का कार्य जल्द शुरू करवाने की बात कही।
बता दें कि एक दिन पहले गांव कासनी के समीप दादरी डिस्ट्रीब्यूटरी में क्षमता से अधिक पानी छोड़ने पर गांव कासनी के समीप टूट गई। नहर टूटने के चलते गांव कासनी व सौंफ के किसानों की सैंकड़ों एकड़ फसलें पानी में डूब गई। किसान प्रवीन कुमार, साहिल कलकल, सरपंच करतार सिंह, राजेश व जयभगवान ने बताया कि नहर टूटने की जानकारी अधिकारियों के देने के बाद भी पाटने का कार्य नहीं किया गया और ना ही नहर के पानी को पीछे से बंद किया। ऐसे में खेतों से होते हुए पानी गांव की और जाना शुरू हो गया है। नहर के पानी से कपास, बाजरा, ज्वार व अन्य फसलों में कई फूट पानी जमा हो गया है। जिससे किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है। वहीं मौके पर पहुंचे सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता गौरव लांबा ने बताया कि बारिश के कारण नहर में क्षमता से अधिक पानी छोड़ा गया है, दूसरा कोई विकल्प नहीं होने के चलते ज्यादा पानी आने से नहर टूटी है। नहर के पानी को पीछे से बंद करवा दिया है और जल्द पाटने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान मौके पर पहुंचे सिंचाई विभाग के अधिकारियों को खरी-खरी सुनाई और कहा कि सूचना के बाद भी नहर के पानी को बंद नहीं करवाया। पूर्व मंत्री ने सरकार व अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल उठाते हुए कहा कि किसानों पर काफी मार पड़ी है। ऐसे में सरकार को तुरंत किसानों की फसलों पर पड़ी मार की स्पेशल गिरदावरी करवाकर 50 हजार रुपए मुआवजा की घोषणा करनी चाहिए। कहा कि सरकार किसानों की सुध नहीं ले रही है जबकि जनप्रतिनिधि घरों में दुबके बैठे हैं।