हरियाणा और हिमाचल को जोड़ने वाला पुल हुआ तबाह
हरियाणा और हिमाचल को जोड़ने वाला रंजीतपुर गांव में 50 फीट लंबा और ऊंचा पुल पानी के तेज बहाव को सहन नहीं कर पाया और पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। पुल के रिवर बेड पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं। नदी के आसपास पत्थर भी उखड़ कर बह गए हैं। प्रशासन ने दोनों तरफ बैरिकेडिंग लगाकर भारी वाहनों को वर्जित कर दिया है।
यमुनानगर || हिमाचल की पहाड़ियों में हो रही बारिश का असर सबसे ज्यादा यमुनानगर में दिखाई दे रहा है। फसलों और घरों के अलावा अब पुल भी क्षतिग्रस्त होने लगे हैं। स्थानीय विधायक ने मौके का जायजा लिया और ठेकेदार में संबंधित विभाग के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। हिमाचल और उत्तराखंड में लगातार 4 दिन से हो रही बारिश से हरियाणा में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। नदी नाले और यमुना सभी उफान पर है। पानी के तेज बहाव से ना सिर्फ फसलें बर्बाद हो रही है बल्कि घरों में पानी घुस रहा है। अब तो पुल भी तबाह होने लगे हैं। हरियाणा और हिमाचल को जोड़ने वाला रंजीतपुर गांव में 50 फीट लंबा और ऊंचा पुल पानी के तेज बहाव को सहन नहीं कर पाया और पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। पुल के रिवर बेड पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं। नदी के आसपास पत्थर भी उखड़ कर बह गए हैं। प्रशासन ने दोनों तरफ बैरिकेडिंग लगाकर भारी वाहनों को वर्जित कर दिया है। जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यह पुल हरियाणा और हिमाचल को जोड़ता है।
पुल पर करीब 25 गांव की आवाजाही होती है। जो सिर्फ साइकिल और मोटरसाइकिल के लिए खोला गया है, लेकिन भारी वाहनों को आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। ग्रामीणों ने अधिकारियों और ठेकेदारों पर मिलीभगत के गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि यह पुल करीब 20 साल पुराना है लेकिन पहली दफा ऐसा हुआ है जब पुल क्षतिग्रस्त हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि अभी हाल ही में करोड रुपए का टेंडर दिया गया था लेकिन पुल की मरम्मत पूरी तरह से नहीं हो पाई। पुल के निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। जो एक बड़े घोटाले की तरफ संकेत देता है।
3 दिन से पुल की हालत खराब है जिससे वाहन चालकों को परेशानी हो रही है। सडोरा से स्थानीय विधायक रेणु बाला ने मौके का जायजा लिया और ग्रामीणों से खुलकर इस मुद्दे पर बातचीत की। ग्रामीणों ने अपनी बात रखी और अधिकारियों को मौके पर बुलाया। विधायक रेनू बाला का कहना है कि ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत की वजह से काम की गुणवत्ता काफी घटिया है। इसे लेकर उन्होंने मनोहर सरकार को भी घेरा। विधायक ने ग्रामीणों को 2 दिन के भीतर काम लगाने का आश्वासन दिया है।