खौफ के साये में शिक्षा का मंदिर, पढ़े या घर बैठे
जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी नवीन नारा का कहना है कि अधिकारियों से स्कूल का जल्द पानी निकासी का आश्वासन मिला था। हालातों को देखते हुए स्कूल में अवकाश घोषित करना पड़ रहा है। भविष्य में इस प्रकार की समस्या न बने इसके लिए विद्यालय भवन में जरूरी बदलावों पर भी विचार किया जाएगा। उम्मीद है कि प्रशासन जल्द ही इस समस्या के समाधान के लिए प्रयास करेगा।
चरखी दादरी || पिछले दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते शिक्षा का मंदिर तालाब बन गया है। सरकार द्वारा संस्कृति मॉडल स्कूल तो बना दिया, यहां के हालात देखकर पता चलता है कि ये स्कूल नहीं बल्कि ताल-तलैया बन गया है। पानी से लबालब मैदान से लेकर कमरों तक कई फुट पानी भर गया है। हालातों को देखते हुए स्कूल प्रबंधन ने एक सप्ताह तक अवकाश की घोषणा करनी पड़ी। वहीं स्कूल प्रबंधन द्वारा जलभराव रोकने को लेकर प्रशासन व शिक्षा विभाग को पत्र लिखे गए हैं। वहीं पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने स्कूल में जलभराव का निरीक्षण किया और सरकार के सिस्टम को जिम्मेदार ठहराया।
बता दें कि चरखी दादरी जिला मुख्यालय पर स्थित संस्कृति मॉडल स्कूल के मैदान से लेकर कमरों के बाहर चारों तरफ बारिश का पानी भरा हुआ है। यहां तक कि स्कूल के अंदर कमरों में जाने के लिए इस पानी के बीच से होकर जाना पड़ता है और पानी के भर जाने से स्कूल में विद्यार्थियों का आना भी बंद हो गया है। आलम यह है स्कूल में 850 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं लेकिन पानी भर जाने के कारण बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं और अध्यापक भी अपने कमरों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। इतना ही नहीं स्कूल की इमारत के साथ लगे बिजली के खंभों के चारों तरफ भी पानी भरा हुआ है। जिसके चलते कभी भी कोई भी हादसा हो सकता है। पानी के कारण स्कूल की दो बिल्डिंग तो कंडम होने के कगार पर हैं और कभी भी गिर सकती हैं। स्कूल स्टाफ सदस्य भी कहते हैं कि यहां के हालात काफी समय से बुरे हैं।
लचर व्यवस्था की सरकार है जिम्मेदार न
पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने स्कूल में जलभराव का निरीक्षण किया और शिक्षा अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि उन्होंने पिछले करीब दो वर्ष पहले डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को स्कूल का निरीक्षण करवाकर हालातों की जानकारी दी थी। उस समय डिप्टी सीएम द्वारा जलभराव को लेकर करीब 60 लाख रुपए की राशि देने की घोषणा भी की थी। अब इस स्कूल लचर व्यवस्था की जिम्मेदार प्रदेश सरकार है। मंजूर राशि का पता ही नहीं कहां गई, बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। इसके कोई सुनने वाला नहीं है, अगर ऐसा रहा तो बुढ़ापे में कुर्बानी देने को तैयार हूं। दादरी विधायक सोमबीर सांगवान द्वारा करोड़ों रुपए की राशि मंजूर करने के दावे हवाई साबित हो रहे हैं।