UGC पे-स्केल को लेकर शिक्षकों ने आवाज की बुलंद,काम बंद करने की दी चेतावनी
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने यूजीसी सातवें पे कमीशन की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है | शिक्षकों ने 25 जून को होने जा रही मंत्रिमंडल की बैठक में यूजीसी वेतन पर फैसला न होने की स्थिति में 28 जून को काम बंद करने का फैसला लिया है |
Shimla (Teena Thakur) || हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने यूजीसी सातवें पे कमीशन की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है | शिक्षकों ने 25 जून को होने जा रही मंत्रिमंडल की बैठक में यूजीसी वेतन पर फैसला न होने की स्थिति में 28 जून को काम बंद करने का फैसला लिया है| हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के तौर पर कार्यरत प्रो. जोगेंद्र सकलानी ने कहा कि देशभर के सभी राज्यों में यूजीसी 7th पे स्केल दिया जा रहा है. सिर्फ हिमाचल प्रदेश और पंजाब सरकार ही यह पे स्केल देने में नाकाम है. उन्होंने कहा कि सभी शिक्षक पूरी कर्तव्य निष्ठा के साथ अपना धर्म निभाते हैं. ऐसे में सरकार को भी चाहिए कि सरकार शिक्षकों की के अधिकार शिक्षकों को उनके अधिकारों से वंचित न रखें. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंडी अधिवेशन में यूजीसी 7th पे स्केल देने की बात कही थी, लेकिन अभी तक यहां पे स्केल नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा कि शिक्षक वर्ग को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की बात पर विश्वास है, ऐसे में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अपने कहे अनुसार शिक्षकों को उनका अधिकार दें |
वहीं, प्रोफेसर बी.के. शिवराम ने कहा कि प्रदेशभर के शिक्षक सरकार से सेवंथ पे कमीशन देने की मांग कर रहे हैं. शिक्षक नहीं चाहते कि वह सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करें. शिक्षकों का काम पढ़ाना है, लेकिन सरकार शिक्षकों को सड़क पर उतरने के लिए मजबूर कर रही है. अगर सरकार आगामी कैबिनेट में सेवंथ पे स्केल देने का फैसला नहीं लेती है, तो प्रदेश भर में शिक्षक 28 जून के दिन काम बंद रखेंगे | बता दें कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय और विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले कॉलेजों के शिक्षक साल 2016 से सेवंथ पे कमिशन दिए जाने की मांग कर रहे हैं. देशभर के पंजाब और हिमाचल प्रदेश के अलावा देशभर के सभी राज्य शिक्षकों को कमीशन के अनुसार वेतन दे रहे हैं. यही वजह है कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के शिक्षक भी पुरजोर तरीके से अपनी मांग सरकार के सामने रखने की कोशिश कर रहे हैं |