भिवानी || हरियाणा राज्य दिव्यांगजन आयोग के आयुक्त राजकुमार मक्कड़ ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार दिव्यांगों के हितों को सुरक्षित रखते हुए सरकारी सेवाएं प्रदान करने में अपना दायित्व प्रभावी रूप से निभा रही हैं। दिव्यांगजनों के सामाजिक व आर्थिक उत्थान के लिए उनको सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं और परियोजनाओं से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि पांच दिव्यांगजन स्वयं सहायता समूह बनाकर स्व रोजगार के लिए सरकार से ढ़ाई करोड़ रुपए की ऋण सहायता ले सकते हैं। यह योजना सरकार ने दिव्यांगजनों के जीवन उत्थान के लिए शुरू की है। इससे दिव्यांगनों के जीवन में नई खुशहाली आएगी। आयुक्त मक्कड़ रविवार को लोक निर्माण विश्राम गृह में आयोजित खुले दरबार में दिव्यांग जनों की समस्याएं सुनने के दौरान अपना संदेश दे रहे थे। उन्होंने ने कहा कि दिव्यांगजनों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना जरूरी है। दिव्यांगों की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए उन्हें भी बराबर का अवसर मिलना चाहिए, इसके लिए हम सभी को सामूहिक प्रयास करने होंगे। दिव्यांगजनों के अधिकार सुरक्षित रखने के लिए गत एक जुलाई से यूडीआईडी कार्ड लागू हो चुका है। दिव्यांगजन को नौकरी या अन्य किसी प्रकार का सरकारी लाभ लेने के लिए यूडीआईडी देना जरूरी होगा।
मक्कड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल सभी वर्गों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं क्रियान्वित कर रहे हैं। हरियाणा सरकार द्वारा स्वयं सहायता समूह स्कीम के तहत दिव्यांग को पांच लोगों का एक समूह गठित करना होगा। समूह को पंजीकरण भी करना होगा और सरकार उनको ढाई करोड रुपए तक की पूंजी अपने कार्य करने के लिए बिजनेस कर सकते हैं। वे उद्योग लगा सकते हैं, ट्रेडिंग का काम भी कर सकते हैं, अपनी योग्यता, अपनी दक्षता और अपने स्थान के अनुसार काम कर सकते हैं। लोन अमाउंट के लिए उनको गारंटी भी देनी होगी। एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि स्किल डेवलपमेंट करने के लिए अगर टेक्निकल है तो हमारे जो तमाम आईटीआई हैं, उनमें उनको प्रशिक्षण मिलेगा। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार से दूसरी योजना पूनर्वास केन्द्र के नाम से पूरे प्रदेश लागू की गई है, जिसकी शुरूआत भिवानी जिला से की गई है। आस्था विशेष विद्यालय भिवानी से इसकी योजना की शुरूआत की गई है, जिसमें सात कम्प्यूटर मूक बधीर के लिए प्रिन्ट्र व यूपीएस सहित इंस्टोल कर दिए गए हैं। जिलेभर के ऐसे चक्षु दिव्यांग है या लो प्रोविजन वाले या पूरी तहत से ब्लाइंड हैं, वे वहां पर ट्रेंनिंग प्राप्त कर सकते हैं। इसी तहत दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना (दयालु )की शुरूआत की है, जिसके अंतर्गत 1 लाख 80 हजार रुपये से कम आय वाले व्यक्ति की यदि किसी दुर्घटना या प्राकृतिक रूप से मृत्यु होती है तो फैमिली इन्फोरमेशन डाटा रिपोजिट्री यानि एफआईडीआर आधार पर उनके परिजनों को 5 से 12 वर्ष की आयु तक 1 लाख रुपये, 12 वर्ष से 18 वर्ष की आयु तक 2 लाख रुपये, 18 वर्ष से 25 वर्ष की आयु तक 3 लाख रुपये, 25 वर्ष से 40 वर्ष की आयु तक 5 लाख रुपये, 40 वर्ष से 60 वर्ष की आयु तक 2 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाएगी।