चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग में अहम भूमिका निभाई भिवानी के बड़सी जाटान के वैज्ञानिक देवेश ओला ने
देवेश का परिवार इन दिनों हैदाराबाद में रहता है। गांव में उनके चचेरे भाई प्रदीप ओला व गांव के पंच मनजीत ने बताया कि पूरा गांव चंद्रयान-3 की लैंडिंग के दौरान उत्साहित था तथा जब सफलतापूर्वक चंद्रयान-3 की लैंडिंग हुई, तब ग्रामीणों ने इस बात की एक-दूसरे को बधाई देकर खुशी जताई। आज देवेश ओला के कारण उनके गांव, जिला व प्रदेश का नाम रोशन हुआ है।
भिवानी || चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग में विक्रम लैंडर की कंट्रोल यूनिट संभालने में भिवानी जिला के गांव बड़सी जाटान के इसरो साईंटिस्ट इंजीनियर देवेश ओला की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। इसको लेकर मुख्यमंत्री ने भी ट्वीट कर देवेश ओला सहित हरियाणा से जुड़े इसरो में कार्यरत्त वैज्ञानिकों को बधाई दी है। भिवानी जिला के गांव बड़सी जाटान के देवेश ने कुरूक्षेत्र एनआईटी से बीटैक करने के बाद देश के महान वैज्ञानिक डा. एपीजे अब्दुल कलाम से प्रभावित होकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो द्वारा आयोजित आईसीआरबी परीक्षा दी। जहां उन्हे वैज्ञानिक के रूप में चुना गया। देवेश ने हैदराबाद से एमटैक किया। 29 वर्षीय देवेश के पिता सज्जन कुमार भारतीय सेना में कार्यरत्त है।
देवेश ओला के गांव बड़सी जाटान में इस बात को लेकर काफी उत्साह है कि उनके गांव के बेटे ने चांद पर झंड़े गाडऩे में देश को गौरवांवित होने में भूमिका निभाई। देवेश का परिवार इन दिनों हैदाराबाद में रहता है। गांव में उनके चचेरे भाई प्रदीप ओला व गांव के पंच मनजीत ने बताया कि पूरा गांव चंद्रयान-3 की लैंडिंग के दौरान उत्साहित था तथा जब सफलतापूर्वक चंद्रयान-3 की लैंडिंग हुई, तब ग्रामीणों ने इस बात की एक-दूसरे को बधाई देकर खुशी जताई। आज देवेश ओला के कारण उनके गांव, जिला व प्रदेश का नाम रोशन हुआ है। देवेश ओला जैसे इसरो के वैज्ञानिक बेटे ने उनके गांव को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दी है। इससे उनके गांव व आस-पास के क्षेत्र के युवाओं का उत्साह भी बढ़ा है तथा उनकी विज्ञान में रूचि भी अब इस युवा से प्रेरणा लेकर बढ़ी है। उन्होंने राज्य सरकार से यह मांग भी की कि देवेश ओला के नाम से गांव में खेल स्टेडियम या कोई सार्वजनिक संस्थान का निर्माण करवाया जाए, ताकि इस क्षेत्र के युवाओं को आगे बढऩे के लिए प्रेरणा मिले।