स्कूली छात्र छात्राओं ने पढ़ाई के साथ साथ किया किसानी पर शोध
शोधकर्ता दल में शामिल छात्र छात्राओं ने बताया की उन्होंने एक विशेष अभियान के दौरान 20 दिन तक कई गावों में अलग अलग किसानों के साथ मिलकर धान की खेती को लेकर शोध किया है की किस तरह खेती से किसान की आय बढ़ सके। छात्रों ने बताया कि इस शोध से उन्हें यह पता चला कि सरकार द्वारा किसानों को दी जाने वाली विभिन्न सुविधाएं तथा उनके द्वारा बनाई गई विशेष योजनाओं की जानकारी तक किसानों के पास नहीं पहुंचती I
पलवल || एसपीएस इंटरनेशनल स्कूल के 12 सदस्यीय छात्र छात्राओं के दल ने पढाई के साथ साथ विशेष शोध अभियान के तहत किसान और किसानी के लिए शोध किया और जमीनी स्तर पर किसानों की समस्याओं को नजदीक से परखा उसके बाद जिला उपायुक्त से मुलाक़ात कर उन्हें शोध रिपोर्ट सौंपते हुए उन्हें किसानों की समस्याओं से अवगत कराया। जहां जिला उपायुक्त ने उन छात्रों को आस्वाशन दिया की भविष्य में तुम जब भी किसी भी तरह का शोध करोगे तो जिला प्रशाशन पलवल आपको हर सम्भव सहयोग देगा। शोधकर्ता दल में शामिल छात्र छात्राओं ने बताया की उन्होंने एक विशेष अभियान के दौरान 20 दिन तक कई गावों में अलग अलग किसानों के साथ मिलकर धान की खेती को लेकर शोध किया है की किस तरह खेती से किसान की आय बढ़ सके। छात्रों ने बताया कि इस शोध से उन्हें यह पता चला कि सरकार द्वारा किसानों को दी जाने वाली विभिन्न सुविधाएं तथा उनके द्वारा बनाई गई विशेष योजनाओं की जानकारी तक किसानों के पास नहीं पहुंचती I
किसानों को सरकार द्वारा बनाई गई किसान सम्मान निधि,मेरी फसल मेरा ब्यौरा,किसान क्रेडिट कार्ड, सोयल हेल्थ कार्ड, जैसीअन्य योजनाओं की भी जानकारी नहीं हैI किसानों को समय पर बिजली व सिंचाई,खाद, बीज, कीटनाशक और उर्वरक, वित्तीय सहायता, खेतों तक पक्की सड़कें नहीं मिल पाती हैं जिसके कारण उनकी फसल मात्रा और मूल्य दोनों में ही पिछड़ जाती हैI अच्छी फसल के लिए जरूरी पदार्थों की कितनी मात्रा तथा किस समय पर उपयोग करना चाहिए इस तक की जानकारी किसान के पास नहीं होती। छात्र इस शोध के माध्यम से किसानों की बहुत सी समस्याओं को सरकार के समक्ष रखकर उनसे आग्रह करते हैं कि पलवल जिले में किसानों की स्थिति को सुधारने के लिए सरकार ज्यादा से ज्यादा सोइल् टेस्टिंग सेंटर संचालित करके, किसानों को मिलने वाली सभी सरकारी सुविधाओं या योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए समय-समय पर किसानों के लिए जागरूकता अभियान चलाकर, कम ब्याज दर पर वित्तीय सहायता प्रदान कर, किसान के खेत तक चौड़ी व पक्की सड़कें, न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी, उचित सिंचाई व्यवस्था, बिजली तथा समय पर खाद बीज व अन्य उर्वरक उपलब्ध कराकर हल कर सकती हैI