राइट टू रिकॉल बिल पर सरपंचो ने दी अपनी राय...
हरियाणा सरकार राइट टू रिकॉल बिल लाने की बात कर रही है कि अगर सरपंच ठीक ढंग से काम नहीं करता तो तो गांव के मतदाता एक प्रक्रिया के द्वारा 1 वर्ष के बाद सरपंच को हटा सकते हैं यह बिल कितना सार्थक रहेगा इसके क्या फायदे होंगे और क्या नुकसान होंगे यह जानने के लिए हमने जिला कैथल के कुछ गांवों के सरपंचों से बात की |
कैथल (विपिन शर्मा) || हरियाणा सरकार राइट टू रिकॉल बिल लाने की बात कर रही है कि अगर सरपंच ठीक ढंग से काम नहीं करता तो तो गांव के मतदाता एक प्रक्रिया के द्वारा 1 वर्ष के बाद सरपंच को हटा सकते हैं यह बिल कितना सार्थक रहेगा इसके क्या फायदे होंगे और क्या नुकसान होंगे यह जानने के लिए हमने जिला कैथल के कुछ गांवों के सरपंचों से बात की |
ज्यादातर सरपंच का कहना है कि यह बिल ठीक नहीं है सरपंच का चुनाव हर साल ही होगा क्योंकि सरपंच के चुनाव के बाद आधा गांव तो पहले से ही सरपंच के खिलाफ होता है और अगर सरपंच गांव में विकास के कार्य करेगा तो जिन लोगों ने नाजायज कब्जे किए हैं तालाबों पर कब्जे किए हैं या अन्य किसी तरह पंचायत का फायदा उठा रहे थे और सरपंच ने उनको यह फायदा उठाने नहीं दिया तो उनके खिलाफ हो जाएंगे दूसरा इसमें गांव में गलत राजनीति को बढ़ावा मिलेगा छोटा वर्ग का अगर कोई व्यक्ति चुनाव जीत जाता है है तो बड़े वर्ग के लोग उसके खिलाफ साजिश करना शुरू कर देंगे और 1 साल के बाद साजिश के तहत सरपंच को हटवा देंगे इससे विकास कार्य तो रुकेंगे सरपंची भी उलझ कर रह जाएगी सरपंचों का मानना है कि सरकार सारे प्रयोग सरपंचों पर ही करती है आज पंचायतों में पढ़े-लिखे सरपंच हैं इस बिल को लाने की क्या जरूरत है सरकार को चाहिए पहले यह बिल सांसद और विधायकों पर लेकर आए. अगर सर्कार बिल लाना चाहती है तो पहले इसकी प्रकिर्या पर विचार करके इसे जटिल करे ताकि सरपंच विकास के कार्य करवा सके और सरकार का नारा सबका साथ सबका विकास हो सके।
राइट टू रिकॉल बिल पर बोलते हुए पूर्व पेट्रोलियम मंत्री जयप्रकाश ने कहा कि यह सरकार घोटालों की सरकार है उन्होंने लगातार घोटाले किए उन घोटालों को छिपाने ताकि लोगों का ध्यान दूसरी ओर आकर्षित किया जा सके राइट टू रिकॉल की बात की है राइट टू रिकॉल अगर लागू ही करना है तो सांसद और विधायकों पर भी होना चाहिए अगर आज राइट टू रिकॉल लागू हो जाता है तो सबसे पहले दुष्यंत चौटाला जिन्होंने उचाना से चुनाव जीता है उन्हें घर बैठना पड़ेगा इसलिए जनता को इस सरकार की बातों पर विश्वास नहीं करना चाहिए यह घोटाले बाजों की सरकार है