बारिश खरीफ की फसलों के लिए लाभदायक साबित होगी
उन्होंने कहा कि धान की फसल के लिए यह बारिश सोने पर सुहागा साबित होगी। उन्होंने कहा कि बारिश के बाद फसलों में बीमारियों आने की संभावनाएं अधिक होती है। कपास की फसल में गुलाबी सुंडी रोग का प्रकोप भी इस महीने दिखाई देगा। ऐसे में किसानों को कपास की फसल का देखभाल करना जरूरी है।
पलवल || पलवल जिले में हुई बारिश खरीफ की फसलों के लिए लाभदायक साबित होगी। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग पलवल के एसडीओ डॉ. मनजीत सिंह ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि कपास की फसल में आवश्यकता एवं फसल की अवस्था के अनुसार सिंचाई करें तथा अधिक बरसात के बाद पानी निकासी का प्रबंध अवश्य करें अन्यथा कपास की फसल पर बुरा प्रभाव पडेगा। एसडीओ डॉ. मनजीत सिंह ने कहा कि बारिश से खरीफ की फसलों जिनमें धान, कपास, ज्वार, बाजरा सहित दलहनी फसलों को लाभ पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि धान की फसल के लिए यह बारिश सोने पर सुहागा साबित होगी। उन्होंने कहा कि बारिश के बाद फसलों में बीमारियों आने की संभावनाएं अधिक होती है। कपास की फसल में गुलाबी सुंडी रोग का प्रकोप भी इस महीने दिखाई देगा। ऐसे में किसानों को कपास की फसल का देखभाल करना जरूरी है। जिन किसानों की कपास की फसल यदि 100 दिन से ऊपर की हो गई है तो 13.0.45 दो पैकेट प्रति एकड़ के हिसाब से 2 स्प्रे 10 दिन या 15 दिन के अंतराल पर जरूर करें। अगर फसल 100 दिन से कम है तो आप जिंक और यूरिया का स्प्रे भी कर सकते हैं। 2.5 प्रतिशत यूरिया व् 0.5 प्रतिशत जिंक (21 प्रतिशत वाला) का घोल बनाकर स्प्रे करें। अगर रेतीली मिट्टी में मैग्नीशियम की कमी के लक्षण हैं तो आधा परसेंट मैग्नीशियम सल्फेट का छिडक़ाव भी अवश्य करें। ड्रिप विधि के द्वारा लगाई गई कपास में हर सप्ताह ड्रिप के द्वारा घुलनशील खादय जिसमें दो पैकेट 12:61:0 के, तीन पैकेट 13:0:45 के, 6 किलो यूरिया व 100 ग्राम जिंक प्रति एकड़ के हिसाब से 10 हफ्तों तक अवश्य डालें।