रादौर - ठंड और कोहरा से गेहूं उत्पादन किसानों को नुकसान होने की संभावना है!
रादौर || उत्तर भारत में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही रही। रादौर क्षेत्र में भी अधिकतम ठंड से जहां जन जीवन अस्त व्यस्त है तो वही कोहरे और ठंड ने अब किसानों की चिंता को भी बड़ा दिया है। वैसे तो कोहरा और सर्दी गेहूं उत्पादन किसानों के लिए फायदेमंद साबित होती है। लेकिन कई दिनों से मौसम ना खुलने से गेहूं की फसल पर इसका असर पड़ सकता है। कृषि उपनिदेशक डॉ आत्मा राम गोदार के अनुसार तापमान में कमी और कई दिनों से धूप न निकलने से गेहूं में पीला रतुआ आने की संभावना ज्यादा हो जाती है।
रादौर || उत्तर भारत में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही रही। रादौर क्षेत्र में भी अधिकतम ठंड से जहां जन जीवन अस्त व्यस्त है तो वही कोहरे और ठंड ने अब किसानों की चिंता को भी बड़ा दिया है। वैसे तो कोहरा और सर्दी गेहूं उत्पादन किसानों के लिए फायदेमंद साबित होती है। लेकिन कई दिनों से मौसम ना खुलने से गेहूं की फसल पर इसका असर पड़ सकता है। कृषि उपनिदेशक डॉ आत्मा राम गोदार के अनुसार तापमान में कमी और कई दिनों से धूप न निकलने से गेहूं में पीला रतुआ आने की संभावना ज्यादा हो जाती है। उन्होंने किसानों को सलाह दी है की किसान गेहूं में पीला रतुआ बीमारी के प्रति जनवरी की शुरुआत से ही सतर्क रहे। अगर गेहूं की फसल में पत्तियों पर समांतर पीले व नारंगी धब्बे एक लाईन में दिखाई दे तो यह रोग की शुरुआत है। रोग अधिक होने पर यह धब्बे पीले रंग के हल्दी नुमा पाउडर में बदल जाते है। शुरुआत में यह बीमारी खेतों में किसी-किसी स्थान पर आती है एवं आखिरी स्टेज में पत्तिया काली हो जाती है।
उन्होंने कहा कि रादौर क्षेत्र सहित पूरे जिले में पिछले कुछ दिनों से धूप न निकलने के कारण यह बीमारी गेहूं में आ सकती है। गोदारा ने कहा कि किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। किसान जिंक और यूरिया का घोल बना कर फसल पर छिड़काव कर सकते है। इसके अलावा गेहूं की पत्तियों पर जब हरापन आ जाए तो उसमें आयरन की कमी हो जाती है उसके लिए किसानों को हरा कशिश पाउडर का छिड़काव करना चाहिए। उन्होंने कहा इस तरह से छिड़काव करने से गेहूं में फुटाव नहीं आएगा और गेहूं का उत्पादन भी बड़ेगा। कृषि उपनिदेशक ने कहा की पिछले दिनों टीम ने यहां सर्वे भी किया था। फिलहाल सर्वेक्षण में कही पर भी पीला रतुआ नहीं पाया गया।वही उन्होंने कहा की गेहूं की फसल के लिए ठंड का मौसम अच्छा होता है, जितना अधिक ठंड और कोहरा पड़ेगा गेहूं का उत्पादन उतना अच्छा होगा। लेकिन मौसम ना खुलने और धूप न निकलने से फसल में इस तरह का रोग आ जाता है।