महिला आरक्षण बिल में ओबीसी वर्ग की अनदेखी के विरोध में सड़कों पर उतरे लोग

मांगपत्र के माध्यम से उन्होंने महिला आरक्षण के अंतर्गत ओबीसी महिलाओं को भी संख्या के अनुपात में सीटें आरक्षित करने, महिला आरक्षण के अंतर्गत एससी, एसटी, ओबीसी के आरक्षण को सेपरेट इलेक्टोरेट के साथ लागू किए जाने, ओबीसी वर्ग को संख्या के अनुपात में आरक्षण दिए जाने, एससी, एसटी के राजनीतिक आरक्षण में सभी सेपरेट इलेक्टोरेट लागू किए जाने, ईवीएम के हटाने की मांग की।

भिवानी || पिछड़ा वर्ग व महिला हितैषी होने का दावा करने वाली वर्तमान सरकार ने विधानसभा व लोकसभा में महिला आरक्षण में बिल में पिछड़ा वर्ग की अनदेखी कर ओबीसी वर्ग विरोधी होने का प्रमाण दिया है। जिसके विरोध में शनिवार को देश भर के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन किया गया। इसी कड़ी में भिवानी में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा व पिछड़ा वर्ग कल्याण महासभा के बैनर तले पिछड़ा वर्ग लोगों ने स्थानीय लघु सचिवालय के समक्ष धरना दिया तथा उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम मांगपत्र सौंपा। उपायुक्त की तरफ कानूनगा तहसीलदार राजपाल ने मांगपत्र लिया। इस दौरान पिछड़ा वर्ग लोगों ने सरकार ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वे 17 अक्तूबर को प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे। इस दौरान पिछड़ा वर्ग के लोगों ने महिला आरक्षण बिल में पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को शामिल किए जाने व वर्ष 2024 के चुनाव में महिला आरक्षण बिल को लागू किए जाने की मांग की।

इस मौके पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश प्रजापति, सुमित्रा सांगा, पूर्व पार्षद किरण बाला, सरला मेहरा, गणेशीलाल वर्मा, सत्यनाराण सैनी ने कहा कि देश की आजादी से लेकर आज तक पिछड़ा वर्ग के लोग भेदभाव की राजनीति झेलते हुए आर्थिक, सामाजिक व राजनीतिक व आर्थिक पिछड़ेपन की मार झेल रहे है। जिसके बाद अब विधानसभा व लोकसभा में महिलाओं के 33 प्रतिशत आरक्षण के बाद पिछड़ा वर्ग की महिलाओं में राजनीतिक भागीदारी की उम्मीद जगी थी, जिसे भी सरकार ने उनसे छीन लिया। जिसके विरोध में देश भर में ओबीसी वर्ग में रोष है। मांगपत्र के माध्यम से उन्होंने महिला आरक्षण के अंतर्गत ओबीसी महिलाओं को भी संख्या के अनुपात में सीटें आरक्षित करने, महिला आरक्षण के अंतर्गत एससी, एसटी, ओबीसी के आरक्षण को सेपरेट इलेक्टोरेट के साथ लागू किए जाने, ओबीसी वर्ग को संख्या के अनुपात में आरक्षण दिए जाने, एससी, एसटी के राजनीतिक आरक्षण में सभी सेपरेट इलेक्टोरेट लागू किए जाने, ईवीएम के हटाने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार ईवीएम मशीन के सहारे तानाशाही कर रही है। ऐसे में किसी भी सरकार की तानाशाही को खत्म करने के लिए ईवीएम को बैन किया जाना अत्यंत आवश्यक है।