पलवल में एक दिवसीय किसान कार्यशाला का आयोजन किया गया

जिला बागवानी अधिकारी डॉ. अब्दुल रज्जाक ने कहा कि बागवानी विभाग द्वारा पलवल जिले में 300 एकड़ भूमि में बाग लगाने का लक्ष्य दिया गया है। किसान अपने खेतों में अमरूद,बेर,नींबू,केला,पपीता,अनार के बाग लगा सकते है। किसानों को बाग लगाने के लिए 43 हजार रुपए से लेकर 50 हजार रूपए तक अनुदान दिया जा रहा है। इसके लिए किसानों को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है।

पलवल || खरीफ फसल मैनेजमेंट को लेकर आज धानुका एग्रीटेक रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी सेंटर पलवल में एक दिवसीय किसान कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ कृषि एवं किसान कल्याण विभाग पलवल के उपनिदेशक डॉ. अनिल सहरावत ने किया। इस अवसर पर बागवानी विभाग हरियाणा के पूर्व निदेशक डॉ.बी.एस.सहरावत, जिला बागवानी अधिकारी डॉ. अब्दुल रज्जाक,प्रगतिशील किसान क्लब के अध्यक्ष बिजेंद्र दलाल,कृषि विशेषज्ञ सुंदर सिंह,डॉ. वीरेंद्र कुमार,गांव सिहौल के सरपंच प्रतिनिधि बलजीत गहलोत सहित सैकड़ों की संख्या में किसान मौजूद थे।

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग पलवल के उपनिदेशक डॉ. अनिल सहरावत ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि किसान परम्परागत खेती को छोडक़र आधुनिक तरीके से खेती करें। सरकार द्वारा किसानों को बढ़ावा दिया जा रहा है। किसान सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ अवश्य उठाऐं। किसानों को कृषि के क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों को अपनाना चाहिए। किसान कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते है। बागवानी विभाग हरियाणा के पूर्व निदेशक डॉ.बी.एस.सहरावत ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन है कि किसानों की आय को दोगुना किया जाए। इसके लिए किसानों को आधुनिक तरीके से खेती करनी चाहिए। किसान अपने खेतों की मिट्टी व पानी की जांच करवाऐं। सॉयल हेल्थ कार्ड के अनुसार फसलों चक्र अपनाऐें। उन्होंने कहा कि किसानों को सरकार की योजनाओं का भी लाभ उठाना चाहिए। किसानों को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। किसानों को मेरा पानी मेरी विरासत,फसल बीमा योजना,किसान सम्मान निधि योजना सहित अन्य फसलों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।

उन्होंने कहा कि किसान धान व गेहूं की फसलों की बजाय बागवानी की फसलों की तरह अग्रसर हो। किसान अपने खेतों में सब्जियों का उत्पादन करें। बागवानी की फसलें जिनमें फल,फूल व सब्जियां शामिल है ये फसलें नकदी फसलों में आती है। यह फसलें कम समय में तैयार हो जाती है और बाजार में अच्छा भाव मिलता है जिससे किसानों की आमदनी में बढोतरी होगी। उन्होंने कहा कि किसान मक्का की खेती करें। बाजार में मक्का की फसल की मांग लगातार बढ़ रही है। डॉ.बी.एस.सहरावत ने किसानों को एग्रो फोरेस्ट्री को अपनाऐं। किसान फसलों के साथ साथ अपने खेतों में सफेदा,पॉपुलर मालाबार नीम के पौधे लगाए। मालाबार नीम की मांग बाजार में अधिक है। मालाबार नीम के पौधे पांच साल में ही इमारती लकड़ी देने लायक हो जाते है। इसका पौधा एक साल में 8 फीट की ऊंचाई तक बढ़ता है। इसके पौधों में जंग नहीं लगने की वजह से इसकी डिमांड मार्केट में बहुत ज्यादा है। इसकी लकड़ी प्लाईवुड उद्योग के लिए सबसे पसंदीदा प्रजाति मानी जाती है। उन्होंने कहा कि किसान फसल प्रबंधन करें ताकि इनपुट कॉस्ट कम हो सके। किसान फसलों में कीट प्रबंधन,खरपतवार प्रबंधन पर विशेष ध्यान दें।