हरियाणा प्रदेश के बच्चों का भाषा में धारा प्रवाह बढ़ाने के लिए होगा अब रामलीला का मंचन
रिहर्सल के दौरान बच्चों को किस तरह से रामायाण के टॉपिक को बोलना और उससे पहले याद करने के बारे में जानकारी दी गई। क्योंकि पहले उस टॉपिक को याद करना होता है और उसके बाद ही मंचन के जरिए श्रोताओं के समक्ष रखना होता है। स्कूल में पांचवीं कक्षा के बच्चों को राम, लक्ष्मण, सीता, भरत, शत्रुघ्न आदि के रूप में बाल कलाकारों को तैयार किया गया।
भिवानी || अब शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों की झिझक खत्म करने की नई यूक्ति निकाली है। बच्चों को किसी भी टॉपिक को धारा प्रवाह में बोले जाने को लेकर प्रत्येक स्कूल में रामलीला का मंचन का आयोजन होगा। उस रामलीला के मंचन में बच्चे ही कलाकार के तौर पर शामिल होंगे। बच्चों को उनकी क्लास के हिसाब से रामलीला के मंचन टॉपिक दिए जाएंगे। बड़े बच्चों को बड़े तो छोटों को छोटे टॉपिक दिए जाएंगे। ताकि वे आसानी से उनको याद कर सके। इसी क्रम में भिवानी जिले के गांव सूई के राजकीय संस्कृति मॉडल स्कूल में स्कूली बच्चों ने रामलीला के मंचन की रिहर्सल की और रामलीला के मंचन करने का अभ्यास किया। शिक्षा विभाग ने पांच अक्तूबर से लेकर 15 अक्तूबर तक जिले के प्रत्येक स्कूल में रामलीला के मंचन का आयोजन कराए जाने के निर्देश दिए है। भेजे गए निर्देशों में बताया गया है कि वे बच्चों को रामलीला के मंचन का अभ्यास करवाए।
बच्चों को रामायण के किसी भी टोपिक पर धारा प्रवाह में बोले जाने का प्रयास करवाए। बच्चा अपने आप खड़ा होकर रामायण के उस टॉपिक पर मर्जी से बिना किसी झिझक के श्रोताओं के समक्ष बोले। प्राइमरी स्कूल में पांचवीं तो अन्य स्कूलों में बड़ी कक्षाओं के बच्चों को भी शामिल किया जा सकेगा। बच्चों में आत्म विश्वास कायम करने तथा उनके अंदर की झिझक को खत्म करने के मकसद से शिक्षा विभाग ने प्रत्येक स्कूल में रामलीला का मंचन कराए जाने का फैसला लिया है। बताते है कि रामलीला का मंचन करने वाले बच्चे की अपने आप भाषा पर पकड़ हो जाएगी और वे किसी भी टॉपिक पर बिना किसी झिझक के बोल सकेंगे। रिहर्सल के दौरान बच्चों को किस तरह से रामायाण के टॉपिक को बोलना और उससे पहले याद करने के बारे में जानकारी दी गई। क्योंकि पहले उस टॉपिक को याद करना होता है और उसके बाद ही मंचन के जरिए श्रोताओं के समक्ष रखना होता है। स्कूल में पांचवीं कक्षा के बच्चों को राम, लक्ष्मण, सीता, भरत, शत्रुघ्न आदि के रूप में बाल कलाकारों को तैयार किया गया। उनको यह भी बताया गया कि किस वक्त किस बाल कलाकार को रामायाण के टॉपिक पर बोलना है। करीब दो से तीन घंटे तक बच्चों की स्कूल में रिहर्सल चली। जिला शिक्षा अधिकारी नरेश कुमार मेहता ने बताया कि जिले के सभी स्कूलों में रामलीला के मंचन का आयोजन कराए जाने के निर्देश दिए है। उन्होंने बताया कि बच्चों को किसी भी टॉपिक पर धारा प्रवाह में बोलना सिखाया जाएगा। ताकि उनमें आत्म विश्वास की बढ़ौतरी हो सकेगी। साथ ही उन्होंने बताया कि पहले से ही शिक्षा विभाग ने निपुण कार्यक्रम चलाया हुआ है। ताकि बच्चों को हर फिल्ड में निपुण किया जा सके। वहीं स्कूल के शिक्षक भी सरकार के इस फैसले को काफी अच्छा बता रहे है। शिक्षक सुनीता व सुनीता सांगवान ने बताया कि इस तरह के फैसले काफी उपयोगी साबित होंगे। बच्चे में धारा परवाह बढेगा। बच्चों में झिझक खत्म होगी जिसकी वजह से वे ज्यादा कामयाब भी होंगे।