पूरा वेतन नहीं तो काम नहीं, आशा वर्कर्स की चेतावनी
आशा वर्कर्स यूनियन के आह्वान पर प्रदेश उपाध्यक्ष कमलेश भैरवी की अगुवाई में आशा वर्कर्स ने दादरी के लघु सचिवालय परिवार में टेंट लगाकर तीन दिन की हड़ताल शुरू करते हुए पड़ाव डाल दिया है। पड़ाव के दौरान दूसरे विभागों व संगठनों के पदाधिकारी उनके समर्थन में पहुंचे और मांगों का समर्थन दिया।
चरखी दादरी || आशा वर्कर्स ने सीधे रूप से प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि पूरा वेतन नहीं मिलेगा तो वे काम पर नहीं लौटेंगी। बार-बार वार्ता करने के नाम पर कर्मचारियों को सिर्फ लॉलीपोप देकर डराया व धमकाया जा रहा है। इस बार वे तीन दिन की हड़ताल शुरू कर जिला मुख्यालय पर पड़ाव डाले हैं, जरूरत पड़ने पर हड़ताल को अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा देंगे और आगामी चुनावों में सरकार को आईना दिखाते हुए घर बैठाने का काम करेंगी। आशा वर्कर्स यूनियन के आह्वान पर प्रदेश उपाध्यक्ष कमलेश भैरवी की अगुवाई में आशा वर्कर्स ने दादरी के लघु सचिवालय परिवार में टेंट लगाकर तीन दिन की हड़ताल शुरू करते हुए पड़ाव डाल दिया है। पड़ाव के दौरान दूसरे विभागों व संगठनों के पदाधिकारी उनके समर्थन में पहुंचे और मांगों का समर्थन दिया। आशा वर्कर्स ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जल्द समाधान की मांग उठाई। हालांकि आशा वर्कर्स के प्रदर्शन को देखते हुए मौके पर पुलिस सुरक्षा के भी पुख्ता प्रबंध किए गए थे।
कर्मचारी नेता कमलेश भैरवी ने कहा कि लम्बे समय से आशा धरने व प्रदर्शन एवं मांग पत्र दे चुकी हैं कोई समाधान नहीं किया। बल्कि उल्टा विभाग के आला अधिकारी तानाशाही रवैया अपना रहे हैं। अन्य प्रस्ताव द्वारा सभी पीएचसी, सीएचसी व सिविल हस्पताल मे पूरे डाक्टर, स्टाफ, अल्ट्रासाउंड सहित मुफ्त इलाज के प्रबंध की मांग की। इसके अलावा आशा का वेतन 26 हजार रुपए, सभी को पक्का करने, स्थाई काम स्थाई रोजगार, बेगार पर रोक, आशा का शोषण पर रोक सहित अन्य मांगों को लेकर अब आर-पार की लड़ाई लड़ेंगी।