डेढ़ वर्ष में शहर के अंदर नहीं बनी डेढ़ फुट सड़क !
महेंद्रगढ़ शहरी सरकार को बने हुए डेढ़ वर्ष का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक शहर में डेढ़ फुट की सड़क भी नहीं बनी है। पिछली शहरी सरकार ने अपना समय आपसी खींचतान में निकाल दिया था। नई सरकार बनने पर शहरवासियों को विकास कार्यों की उम्मीद जगी थी। लोगों का लगा था
महेंद्रगढ़ शहरी सरकार को बने हुए डेढ़ वर्ष का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक शहर में डेढ़ फुट की सड़क भी नहीं बनी है। पिछली शहरी सरकार ने अपना समय आपसी खींचतान में निकाल दिया था। नई सरकार बनने पर शहरवासियों को विकास कार्यों की उम्मीद जगी थी। लोगों का लगा था कि अब शहर में विकास कार्य शुरू होंगे लेकिन अभी तक शहर में एक ईंट भी नहीं लगी है जबकि नगरपालिका के खजाने में 14 करोड़ रुपये जमा है। शहर की गली मोहल्लों की सड़कें जर्जर हो रखी हैं। मुख्य मार्गों पर रोड कम गड्ढ़े ज्यादा बने हुए हैं। मसानी चौक से कॉलेज मोड तक शहर का बीच का रोड है। 1500 मीटर रोड़ में 1500 गड्ढ़े हो रखे हैं। गड्ढ़े होने की वजह से दोपहिया वाहन चालक कई बार गिरकर चोटिल हो जाते हैं। ऐसे ही हालात सिनेमा रोड, बालाजी चौक, विश्वकर्मा चौक, मोहल्ला कुम्हारान, 11 हट्टा बाजार से हाईवे को जोड़ने वाला रोड, इसके अलावा गली मोहल्ले, कॉलोनियों की सड़कों का है। शहर के मुख्य रोड टूटे होने की वजह से जनता परेशान है।
इसके लिए नगरपालिका चेयरमैन रमेश सैनी ने अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही सरकार पर भी अपनी नाराजगी जाहिर की है। नगरपालिका चेयरमैन रमेश सैनी भाजपा की टिकट पर जीत कर आए थे। नगरपालिका चेयरमैन रमेश सैनी ने कहा कि अधिकारियों ने डेढ़ साल में कोई काम नहीं किया है। सरकार ने उनकी डीडी पावर खत्म कर दी। इससे अधिकारियों के अंदर डर भय खत्म हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सचिव एनडीसी मामले में दस दिन न्यायिक हिरासत में रहने के बाद नपा कार्यालय आ रहे हैं। वो कार्यालय में हाजिरी अवश्य लगा रहे हैं लेकिन कोई काम नहीं कर रहे। एमई यहां से तबादला करवा कर जा चुके हैं। दूसरा एमई के ऑर्डर हो चुके हैं लेकिन वह यहां ज्वाइन नहीं कर रहा। जेई भी काम के प्रति सक्रियता नहीं दिखा रहे। इस विषय में वो एक-दो दिन के अंदर डीएमसी से भी मिलेंगे। उन्होंने बताया कि नपा के खाते में लगभग 14 करोड़ रुपये हैं जिसे शहर के विकास कार्य करवाया जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि शहर के विकास के लिए पूरा हाउस एकजुट है लेकिन अधिकारी काम नहीं कर रहे। उन्होंने सरकार से मांग की कि वो भी जनता के द्वारा चुने हुए जन प्रतिनिधी हैं, सरकार उन्हें ऐसी पॉवर दे ताकि अधिकारी उनसे डरें और वो अधिकारियों से काम ले सकें।