किसानों के लिए बाजरा खरीद प्रणाली बनी गले की फांस
किसान नेताओं ने मंडी पहुंचकर अधिकारियों पर राजस्थान से आए बाजरा की फसल खरीदने का आरोप लगाया साथ ही कहा कि अगर बाहरी बाजरा फसल की खरीद नहीं रोकी गई तो मंडी को बंद कर आंदोलन करने पर मजबूर होंगे। बता दें कि सरकारी द्वारा बाजरा की खरीद 25 सितंबर से शुरू कर दी बावजूद इसके तीन दिन तक दादरी की मंडी में बाजरा खरीद शुरू नहीं हो पाई।
चरखी दादरी || भले ही सरकार द्वारा बाजरा की सरकारी खरीद शुरू कर दी हो लेकिन दादरी की अनाजमंडी में अपनी बाजरा की फसल बेचने के लिए किसानों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। किसान जहां अपने वाहनों के साथ अल सुबह से लाइनों में लगने के बाद भी फसल नहीं बेच पा रहे हैं वहीं मंडी अधिकारियों पर अपने चेहतों को टोकन देने के साथ वाहनों को बैक डोर से एंट्री करवा रहे हैं। किसानों ने सरकार से खरीद प्रणाली को सरलीकरण करने के साथ प्रत्येक किसान की फसल खरीदने की मांग की। उधर किसान नेताओं ने मंडी पहुंचकर अधिकारियों पर राजस्थान से आए बाजरा की फसल खरीदने का आरोप लगाया साथ ही कहा कि अगर बाहरी बाजरा फसल की खरीद नहीं रोकी गई तो मंडी को बंद कर आंदोलन करने पर मजबूर होंगे। बता दें कि सरकारी द्वारा बाजरा की खरीद 25 सितंबर से शुरू कर दी बावजूद इसके तीन दिन तक दादरी की मंडी में बाजरा खरीद शुरू नहीं हो पाई। बाद में किसानों के विरोध को देखते हुए बाजरा की खरीद शुरू की गई तो किसान अपनी फसल लेकर अल सुबह से वाहनों के साथ मंडी में पहुंचे। वीरवार को करीब तीन किलोमीटर तक किसानों के वाहनों की लंबी लाइनें लगी थी।
किसान सचिन, सुरेश, राजबीर, जयभगवान व दलबीर सिंह इत्यादि ने कहा कि सुबह से भूखे-प्यासे लाइनों में लगे हैं। मंडी अधिकारी अपने चेहतों के वाहनों को मंडी में प्रवेश करवा रहे हैं। किराये के वाहन लेकर आए हैं और उनकी मात्र 5 से 20 क्विंटल तक बाजरा का टोकन दिया जा रहा है। वहीं किसान नेता सुनील पहलवान की अगुवाई में मंडी अधिकारियों से राजस्थान व अन्य प्रदेशों से आने वाले बाजरा की खरीद पर रोक लगाने की मांग उठाई। किसानों ने कहा कि बाहरी बाजरा खरीद पर रोक नहीं लगाई तो मंडी बंद कर बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होंगे। मंडी अधिकारी परमजीत नांदल ने माना कि कुछ लोग किसान बनकर बाहरी बाजरा लेकर आ रहे हैं। इस मामले में ठोस कदम उठाएं जाएंगे। साथ ही खरीद को लेकर पूरे पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।