महापंचायत कमेटी के सदस्य पहुँचे जिला उपायुक्त कार्यालय
वहीं ज्ञापन सौंपने पहुंचे ग्रामीणों ने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके निर्दोष बच्चों के साथ ज़्यादती की जा रही हैं। वहीं ग्रामीणों की माने तो ज्ञापन में ये मांग की गई है कि पुलिस गांव के निर्दोष बच्चों को बिना वजह तंग कर रही है। इसी के बाबत सरकार से आग्रह किया गया है कि दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाये।
गुरुग्राम || रविवार को तिगरा में हुई महापंचायत के मौजूद लोगों ने सोमवार को जिला उपायुक्त को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें 31 जुलाई की रात को मस्जिद में की गई इमाम हत्या मामले में गांव तिगरा के निर्दोष युवकों की रिहाई की मांग की गई। सैकड़ो की संख्या में पहुंचे हिन्दू महासंघठन के लोगों को उपायुक्त कार्यलय में मौजूद अधिकारी ने ज्ञापन ले कर वापस जाने का आग्रह किया, लेकिन इस पर ग्रामीण भड़क गए और जिला उपायुक्त से मिलने की मांग करते हुए आक्रोश प्रकट करना शुरू कर दिया। जिसके बाद जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया तो वहीं ज्ञापन लेने के बाद जिला उपायुक्त ने मीडिया से रूबरू होते हुए बताया कि उन्हें सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा गया है और वह जल्द ही सरकार के सामने ग्रामणी की बात रखेंगे। पंचायत के सदस्यो ने जो भी मांगे रखी हैं इस पर विचार कर, इन मांगों का हल निकाला जायेगा।
वहीं ज्ञापन सौंपने पहुंचे ग्रामीणों ने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके निर्दोष बच्चों के साथ ज़्यादती की जा रही हैं। वहीं ग्रामीणों की माने तो ज्ञापन में ये मांग की गई है कि पुलिस गांव के निर्दोष बच्चों को बिना वजह तंग कर रही है। इसी के बाबत सरकार से आग्रह किया गया है कि दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाये। यदि एक सप्ताह के अंदर सरकार इसका सॉल्यूशन नही निकालती है तो फिर से एक बड़ी पंचायत का आयोजन किया जाएगा। वहीं ग्रामीणों का साफतौर पर कहना था कि नूंह हिंसा मामले में सरकार गुरुग्राम के लोगों को न्याय दिलाने में पूरी तरह फेल रही है। ग्रामीणों की माने तो नूंह में हुई हिंसा पुलिस और सरकार का फेलियर हैं। वहीं नूंह दंगे में शामिल आतंकी बताते हुए ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिस तरह से ये हमला किया गया ये पूर्व नियोजित था और उन लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए।