दिल्ली में रक्षक बने भक्षक, महिंद्रा पार्क एसएचओ व पुलिसकर्मी लगे पिटाई के आरोप...

उत्तरी पश्चिमी दिल्ली में रक्षक बने भक्षक. खाकी के कार्यशैली पर फिर से उठे सवाल. अपनी ही गाड़ी में हुए नुकसान की शिकायत करने पर महिंद्रा पार्क एसएचओ और एक अन्य पुलिसकर्मी द्वारा थाने बुलाकर की गई पिटाई .शिकायतकर्ता पर ही 7/51 का बनाया गया मुकदमा सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दे रहे है गाड़ियों को तोड़ते हुए युवक. इसी मामले में गाड़ी के मालिक ने पुलिस में शिकायत देकर कार्रवाई करने की की मांग. पुलिस द्वारा शिकायतकर्ता की ही की गई पिटाई .अब पीड़ित पुलिस के आला अधिकारियों से लगा रहा है इंसाफ की गुहार.

दिल्ली में रक्षक बने भक्षक, महिंद्रा पार्क एसएचओ व पुलिसकर्मी लगे पिटाई के आरोप...

Delhi Crime (Sanjay) || उत्तरी पश्चिमी दिल्ली के महिंद्रा पार्क थाना इलाके में कुछ ऐसा मामला सामने आया जिसने खाकी की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं अपने गाड़ी में हुए नुकसान की शिकायत लेकर शिवकुमार नाम के एक व्यक्ति महिंद्रा पार्क थाने क्या पहुंचे एसएचओ द्वारा उन्हीं की जमकर पिटाई कर दी गई पिटाई इसलिए की गई कि उन्होंने शिकायत में बताया कि इलाके के कुछ मुस्लिम लोग आए दिन झगड़ा करते हैं और उनकी गाड़ियों में तोड़फोड़ भी की गई है बस यही बात ऐसे तो साहब को ना गवारा साबित हुई, आओ देखा ना ताऊ लाठी उठाकर शिकायतकर्ता पर ही भांजने लगे. पीड़ित की मानें तो महिंद्रा पार्क s.h.o. और एक बीट ऑफिसर द्वारा उसकी जमकर पिटाई की गई पैरों में लाठियां मारी गई जिससे वह ठीक से चल तक नहीं पा रहा है...

पीड़ित का कहना है कि पुलिस द्वारा उसके संकटा इसलिए की गई क्योंकि उसने अपनी गाड़ी में हुए नुकसान की शिकायत और जिन लोगों ने नुकसान किया उन पर कार्रवाई की मांग की थी उसने बताया कि इलाके के कुछ मुस्लिम लड़के आए दिन झगड़ा करते हैं और सड़क पर खड़ी गाड़ियों का नुकसान भी करते हैं बस इसी बात पर ऐसा तो साहब आग बबूला हो गए और उन्होंने खुद ही फैसला सुनाते हुए शिकायतकर्ता को गलत करार दिया यहां तक की सजा तक दे डाली सदा भी ऐसी अब शिकायतकर्ता ठीक से चल तक नहीं पा रहा


हो सकता है शिकायतकर्ता की बात ऐसे तो साहब को बुरी लगी यह भी हो सकता है कि शिकायतकर्ता ने गैर संवैधानिक तरीके से शिकायत की  लेकिन जो कुछ शिकायतकर्ता के साथ हुआ वह भी गैरकानूनी और असंवैधानिक है शिकायतकर्ता के आरोपों में कितनी सच्चाई है यह तो पुलिसिया जांच के बाद ही साफ हो पाएगा सवाल तो यह भी खड़ा होता है कि पुलिस के खिलाफ आखिर खाती निष्पक्ष जांच करेगी इसकी भी क्या गारंटी है फिलहाल पीड़ित शिकायतकर्ता पुलिस के आला अधिकारियों से इंसाफ की गुहार लगा रहा है.