गुरुग्राम में बर्बाद हुआ महाराणा प्रताप स्वर्ण जयंती पार्क...

कभी लेजरवैली पार्क के नाम से जाने जाना वाला वर्तमान का महाराणा प्रताप स्वर्ण जयंती पार्क पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है। इस बर्बादी के पीछे अधिकारियों की उदासीनता है। ठीक है कि कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन में सब बंद था। लेकिन अब तो ऐसी स्थिति नहीं है।

गुरुग्राम में बर्बाद हुआ महाराणा प्रताप स्वर्ण जयंती पार्क...

गुरुग्राम (संजय खन्ना) || कभी लेजरवैली पार्क के नाम से जाने जाना वाला वर्तमान का महाराणा प्रताप स्वर्ण जयंती पार्क पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है। इस बर्बादी के पीछे अधिकारियों की उदासीनता है। ठीक है कि कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन में सब बंद था। लेकिन अब तो ऐसी स्थिति नहीं है। फिर भी इस पार्क की अनदेखी की जा रही है। लेजरवैली पार्क गुरुग्राम शहर की शान कहलाता है। शहर के एमजी रोड पर (मैनेजमेंट डेवेलपमेंट) एमडीआई चौक पर महाराणा प्रताप की प्रतिमा को फ्लाईओवर बनाने से पूर्व शिफ्ट करके लेजरवैली पार्क के प्रवेश द्वार पर स्थापित किया गया। फिर पार्क का नाम बदलकर महाराणा प्रताप स्वर्ण जयंती पार्क रख दिया गया। लॉकडाउन से पहले की बात करें तो पार्क की स्थिति कुछ हद तक ठीक थी। अब तो यह पार्क बर्बाद पूरी तरह से बर्बाद हो गया है। क्योंकि लॉकडाउन में इसकी संभाल नहीं की गई। ऐसे में पेड़-पौधे सूख गए।

कभी रंग-बिरंगे फूलों और रंग-बिरंगे म्यूजिकल फव्वारों से लोगों की सुबह और शाम को पॉजिटिविटी से भर देने वाला यह पार्क अब मुंह चिढ़ा रहा है। पहले यह पार्क हुडा विभाग के अधीन था, जो कि बाद में जीएमडीए के अधीन आ गया। यहाँ की लेजरवैली सुधार सिमिति भी कई बार अधिकारियों को इसकी शिकायत कर चुकी है लेकिन हालात जस के तस बने हुए है आलम ये है की रात को यहाँ आसामाजिक तत्व शराब पीते है इसका नमूना आप  इन तस्वीरों में देख सकते है।शराबियों का अड्डा बन गया है पार्क में घूमकर हालत देखी जा सकती है। एक तरह से यह पार्क शरारती तत्वों और शराबियों का अड्डा बन गया है। पार्क में जगह-जगह पर शराब की खाली बोतलें, बोतलों के रैपर व खान-पान के खाली पैकेट पड़े हैं। पहले पूरा परिवार यहां पर घंटों तक सैर-सपाटा करता था, लेकिन अब लोगों को यहां परिवार के साथ आने में शर्म आती है।

यहां लेजरवैली पार्क सुधार समिति के प्रधान ओमप्रकाश दहिया, उप-प्रधान ताराचंद व कैशियर आरके गर्ग का कहना है कि पार्क को बर्बाद करने में जीएमडीए सीधे तौर पर दोषी है। क्योंकि यहां कुछ काम नहीं किया जा रहा। बर्बाद होने के साथ-साथ पार्क जंगल में तब्दील हो गया है। ना तो अब फव्वारे चलाए जा रहे हैं और ना ही यहां कोई मैंटेनेंस की जा रही है। समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार तो पार्कों के रखरखाव के नाम पर करोड़ों का बजट जारी करती है, लेकिन अधिकारियों के स्तर पर बड़ी लापरवाही हो रही है। सरकार को इस पर संज्ञान लेना चाहिए। वे मुख्यमंत्री को इस बाबत पत्र भी लिखेंगे पार्क की हालात से अवगत करवाएंगे ।क्योकि ये पार्क शहर का सबसे सूंदर और चर्चित पार्क माना जाता है लेकिन इसकी हालात आज काफी बत से बत्तेर को गयी है साइबर सिटी गुरुग्राम  पहले से ही प्रदूषण की मार झेल रहा है ऐसे में अगर लोगो के लिए पार्को के हालात भी ऐसे होंगे तो लोग कहा जाएगे | साइबर सिटी गुरुग्राम की विश्व में एक अलग की पहचान है और विदेशी लोगो भी गुरुग्राम में रहते है और यहाँ विकाश के नाम पर सर्कार करोडो रुपए खर्च करती है लेकिन अगर करोडो रुपए खर्च करने के बाद भी पार्को की हालत ऐसी होगी तो लोग कहा जाएगे क्योकि सबसे जयादा रेवेन्यू गुरुग्राम से प्रदेश सर्कार को जाता है लेकिन अधिकरियों की उदासीनता से हालात पार्क की बर्बादी की कहानी बया कर रहे है सुधार सिमिति अधिकारियो से मिल कर कई बार पार्क के हातात बया कर चुकी है अब देखना होगा की पार्क की सूरत अधिकारी कब तक बदल पाते है