किसानों की जमीनों के अधिग्रहण को रद्द करने को लेकर हुई महापंचायत
नवीन जयहिंद की माने तो आज केंद्रीय मंत्री इंद्रजीत खुद को सीएम कैंडिडेट साबित करने में लगे है जबकि उनके संसदीय क्षेत्र के किसानों के साथ दोगला व्यवहार किया जा रहा है। उनके हकों पर डाका डाला जा रहा है और केंद्रीय मंत्री रैली करते घूम रहे है मोदी सरकार का बखान करने में लगे है।
गुरुग्राम || किसी भी सूरत में सरकार को नही करने देंगे कासन और इसके आसपास के 25 गाँवों की जमीनों का एकड़ जमीनों अधिग्रहण। यह कहना है किसान नेता राकेश टिकैत का। राकेश टिकैत मानेसर में 1810 एकड़ जमीनों के अधिग्रहण को रद्द करने को लेकर आयोजत महापंचायत में पहुंचे थे। किसम नेता टिकैत की माने तो अधिग्रहण को रद्द करने को यह लड़ाई लंबी चलने वाली है और किसानों को इसके लिये दल बल और लठ्ठ को तैयार रखना होगा।
वहीं महापंचायत में पहुंचे किसान नेता नवीन जयहिंद की माने तो यह मौका अनशन पर बैठने का नही बल्कि दक्षिण हरियाणा के तमामं नेताओं विधायको केंद्रीय मंत्रियों के घरों के कोठियों के बाहर धरना देने का समय है। नवीन जयहिंद की माने तो आज केंद्रीय मंत्री इंद्रजीत खुद को सीएम कैंडिडेट साबित करने में लगे है जबकि उनके संसदीय क्षेत्र के किसानों के साथ दोगला व्यवहार किया जा रहा है। उनके हकों पर डाका डाला जा रहा है और केंद्रीय मंत्री रैली करते घूम रहे है मोदी सरकार का बखान करने में लगे है।
दरअसल मनोहर सरकार द्वारा कासन, सहरावन, कुकडोला समेत 22 अन्य गांवों की जमीनों का अधिग्रहण के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है। प्रदेश सरकार किसानों को ढाई करोड़ रुपये प्रति एकड़ तक मुआवजा देने को तैयार है तो किसानों का कहना है की 11 करोड़ की जमीन के ढाई करोड़ कैसे ले लें आप ही बताए।