लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) अब देश के दूसरे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) होंगे ।
एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जनरल बिपिन रावत की मौत के नौ महीने बाद सरकार ने बुधवार को लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को देश के शीर्ष सैन्य अधिकारी और दुनिया के सबसे बड़े सशस्त्र बलों में से एक के नए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का नाम दिया ।
Delhi (Riya Sharma) || एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जनरल बिपिन रावत की मौत के नौ महीने बाद सरकार ने बुधवार को लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को देश के शीर्ष सैन्य अधिकारी और दुनिया के सबसे बड़े सशस्त्र बलों में से एक के नए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का नाम दिया । चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद तीन सेवाओं - थल सेना, नौसेना और वायु सेना को एकीकृत करने के लिए बनाया गया था।
61 वर्षीय लेफ्टिनेंट जनरल चौहान मई 2021 में पूर्वी कमान के प्रमुख के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सैन्य सलाहकार के रूप में कार्यरत थे। लगभग 40 वर्षों से अधिक के करियर में उन्होंने कई नियुक्तियाँ की हैं और उन्हें जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्व में आतंकवाद विरोधी अभियानों का व्यापक अनुभव भी है। चूंकि यह पहली बार है कि किसी सेवानिवृत्त अधिकारी को इस पद पर नियुक्त किया गया है इसलिए सरकार ने नियुक्ति के लिए नियमों में बदलाव की घोषणा करने के लिए एक राजपत्र अधिसूचना जारी की हैं ।
18 मई 1961 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को 1981 में भारतीय सेना की 11 गोरखा राइफल्स में कमीशन दिया गया था। वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व छात्र हैं साथ ही उन्होंने मेजर जनरल के रूप में उत्तरी कमान के बारामूला सेक्टर में एक इन्फैंट्री डिवीजन की कमान संभाली थी, जिसके बाद में लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में उन्होंने उत्तर पूर्व में एक कोर की कमान संभाली और सितंबर 2019 से पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ बने और मई 2021 में सेवा से अपनी सेवानिवृत्ति तक पदभार संभाला था इतना ही नही इन कमांड नियुक्तियों के अलावा भी अधिकारी ने महत्वपूर्ण स्टाफ नियुक्तियाँ भी दीं थी जिसमें सैन्य संचालन महानिदेशक का प्रभार भी शामिल था। इसके साथ साथ वह परम विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, सेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक के प्राप्तकर्ता हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को अब चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ CDS के रूप में, भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के प्रमुखों के साथ अपने चार सितारा रैंक को साझा करते हुए, सबसे वरिष्ठ वर्दीधारी अधिकारी और बराबरी के बीच प्रथम होंगे। CDS की नियुक्ती के बाद लेफ्टिनेंट जनरल चौहान को अपने कार्यभार संभालने के तारीख से भारत सरकार, सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे।
जनरल बिपिन रावत के 63 साल की उम्र में निधन के बाद पिछले साल 8 दिसंबर से यह CDS का पद खाली था। जनरल रावत जो भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ थे, जिनकी उनकी पत्नी के साथ तमिलनाडु में एक सैन्य हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद मौत हो गई थी जिसमें 13 लोग मारे गए थे। जनरल रावत जो की एकमात्र उत्तरजीवी थे एक वायु सेना ग्रुप कैप्टन के जिनकी बाद में गंभीर रूप से उस दुर्घटना में जलने से मृत्यु हो गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 के अंत में जनरल रावत को CDS के रूप में चुना था जो भारत की सेना, वायु सेना और नौसेना को एक एकल, आधुनिक बल में US-शैली के संयुक्त थिएटर कमांड के साथ पुनर्गठित करने के मिशन के साथ था जिसके बाद उन्होंने जनवरी 2020 में कार्यभार संभाला।
सरकार के लिए यह CDS की नियुक्ति करना आवश्यक था क्योंकि CDS सैन्य ही सलाह देने के लिए सरकार के लिए संपर्क का एकल बिंदु है साथ ही रक्षा मंत्रालय में सबसे वरिष्ठ नौकरशाह है जिसमें चार प्रमुख विभाग हैं और रक्षा बलों के लिए उपकरणों के स्थानीय निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयासों के बीच यह नियुक्ति हुई है।