भारतीय कबड्डी खिलाड़ी व कोच का खाप पंचायतों ने किया भव्य स्वागत

चरखी दादरी के गांव आदमपुर डाढी निवासी नितेश सांगवान ने अपने पिता व चाचा से प्रेरणा लेते हुए गांव की जमीन पर कबड्‌डी खेलना शुरू किया। नितेश लगातार 6 वर्षों से यूपी योद्धा टीम के कप्तान रहे और इस बार भी उसे इसी टीम की जिम्मेदारी मिली है। नितेश ने एशियन खेलों में डिफेंडर के रूप में खेलते हुए बेहतर प्रदर्शन किया और टीम को गोल्ड दिलाने में अहम भूमिका निभाई।

चरखी दादरी || भारती कबड्‌डी टीम के डिफेंडर खिलाड़ी नितेश सांगवान व टीम के कोच आसन सांगवान काे खाप पंचायतों के साथ-साथ सामाजिक संगठनों ने गांव आदमपुर में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया। कोच व खिलाड़ी को ग्रामीणों द्वारा खुली जीप में गाजे-बाजे के साथ गांव में सम्मान समारोह स्थल तक लाया गया। गांव आदमपुर में आयोजित कार्यक्रम में सांगवान, श्योराण, हवेली खापों सहित कई व किसान संगठनों ने सम्मानित करते हुए नितेश के उज्ज्वल भविष्य की कामना की और कोच आसन सांगवान को देश के ऐसे होनहार खिलाड़ी तैयार करने पर बधाईयां दी। बता दें कि चरखी दादरी के गांव आदमपुर डाढी निवासी नितेश सांगवान ने अपने पिता व चाचा से प्रेरणा लेते हुए गांव की जमीन पर कबड्‌डी खेलना शुरू किया। नितेश लगातार 6 वर्षों से यूपी योद्धा टीम के कप्तान रहे और इस बार भी उसे इसी टीम की जिम्मेदारी मिली है। नितेश ने एशियन खेलों में डिफेंडर के रूप में खेलते हुए बेहतर प्रदर्शन किया और टीम को गोल्ड दिलाने में अहम भूमिका निभाई। गोल्ड विजेता नितेश सांगवान व भारतीय कबड्‌डी टीम के कोच आसन सांगवान को गांव आदमपुर में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।

भारतीय कबड्‌डी टीम खिलाड़ी नितेश सांगवान ने कहा कि पिछली गलतियों को सुधारते हुए फिटनेश पर दिया ध्यान और कोच द्वारा करवाई गई बेहतर प्रेक्टिस व लोगों के प्यार से गोल्ड जीतने में कामयाब रहे। बचपन से पिता व चाचा से प्रेरणा ले कबड्‌डी में पहली बार एशियन खेलों में गोल्ड मिला है। हालांकि इससे पहले वह कई अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में मेडल भी जीत चुके हैं। नितेश ने कहा कि यूपी योद्धा में बतौर कप्टन 6 सालाें से बहुत कुछ सीखने को मिला। नितेश ने युवाओं को फिटनेश फिट ट्रेंड अनुसार आगे बढ़ने व नशे से दूर रहने का भी आह्वान किया। वहीं भारतीय कबड्‌डी टीम के कोच आसन सांगवान ने कहा कि खिलाड़ियों के जज्बे व मेहनत के बूते ही देश को गोल्ड दिलाने में कामयाब हुए। कहा कि कोच के रूप में टीम के खिलाड़ियों का पुरानी गलतियों में सुधार करवाते हुए मेहनत करवाई और उनके मन में सिर्फ गोल्ड जीतने का जज्बा पैदा किया। कहा कि जमीन की कबड्‌डी खेल को अब भविष्य में गोल्ड ही जीतना लक्षय रहेगा। सरकार की खेल नीतियों का फायदा मिल रहा है और मेडलों की संख्या में इजाफा हो रहा है।