कवँरपाल गुर्जर ने किसान आंदोलन को बताया फ्लॉप शो...
एक तरफ जहां किसान कृषि बिल को लेकर प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन कर आंदोलन कर रहे है।वही कैबिनेट मंत्री कवँरपाल गुर्जर ने हाल ही में हुए किसान आंदोलन को फ्लॉप शो बताया और कहा कि इसमें कोई किसान नही आया क्योंकि अब किसानों को धीरे धीरे बात समझ आ चुकी है।कैबिनेट मंत्री ने कहा कि ये कांग्रेस का आंदोलन है क्योंकि इससे कांग्रेस का नाश होगा किसानों का नही।सौ परसेंट ये किसानों के हित मे है।वही सरकार गिर जाने और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के इस्तीफे की मांग करने वाले विपक्षी नेताओं के बयान पर कैबिनेट मंत्री ने कहा कि ये ख्याली हलवा खा रहे है ऐसा कुछ भी होने वाला नही है सरकार बहुत अच्छी चल रही है।हम चाहते है किसान मजबूत हो और इस बिल से किसान मजबूत होगा।वही उन्होंने कहा कि कुछ लोग माहौल खराब करना चाहते है लेकिन हरियाणा में माहौल खराब नही होगा ,चाहे कांग्रेस हो या कोई विपक्षी दल सबको पता है और सबने सबका समय देखा है किसानों के ऊपर जितने अत्याचार हुए वह अभी भी सब लोगो को याद है।
यमुनानगर (सुमित ओबेरॉय) || हाल ही में हुए किसान आंदोलन पर निशाना साधते हुए कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि अभी मैंने अभी 20 तारीख को एक प्रेस वार्ता की थी। उस दिन मैंने कहा था यह कहा था कि यह जो आंदोलन है वह आने वाले 15 दिन में समाप्त हो जाएगा ।और अभी आपने देखा कि हाल ही में जो किसानों का आंदोलन था बन्द का।कहीं भी किसान निकल कर नहीं आया। क्योंकि धीरे-धीरे किसान की समझ में यह बात आती जा रही है। यह जो बिल है सौ पर्सेंट किसान हितेषी है ।किसान को स्वतंत्रता दी जा रही है व्यापार करने की। जो परिस्थितियों पहले थी चाहे एमएसपी की बात थी एमएसपी वैसे ही है ,क्या है मंडी की बात थी मंडी वैसे की वैसी है ।केवल एक ऑप्शन यह दिया किसान को किसान बाहर भी अपनी चीज बेच सकता है । कुछ लोग कह रहे हैं कि पहले भी बेच सकता था ।बिल्कुल पहले भी बेच सकता था । लेकिन वह गैरकानूनी था। गैरकानूनी होने से किसी समय कोई भी अधिकारी जाकर उस बात के लिए दंडित कर सकता है सजा कर सकता था। किसान को या व्यापारी को करता है उतना ही व्यापारी किसान की फसल की कम कीमत लगाता है था कि मेरा रिस्क है। अब उस रिस्क को खत्म कर दिया ।कोई आदमी कहीं भी अपनी चीज को बेच सकता है, कोई खरीद सकता है ।कहीं भी ट्रांसपोर्ट कर सकते। इससे किसानों को लाभ ही होगा।
वही कैबिनेट मंत्री कवँरपाल गुर्जर ने कहा और जिस प्रकार की बातें की जा रही है कि जो बड़ी-बड़ी कंपनियां आएंगी वह खरीद लेंगे। अभी काम को शुरू तो होने दो अगर कोई इस प्रकार की तो बात सामने आएगी। तो उसे ऐसा तो नहीं है कि कोई एक चीज एक बार बनी तो उस पर विचार नहीं कर सकते। हिंदुस्तान का संविधान कब बना उसके बाद उसमें बदलाव नहीं हो रहे क्या, कितने बदलाव हुए हैं ।जब कोई बात सामने आएगी तभी तो ।ऐसे ही एक कल्पना कर दी कितनी बड़ी-बड़ी कंपनियां खरीद लेंगी,वह पेमेंट नहीं देंगी। वह यह नहीं करेंगी वो नहीं करेंगे। वास्तविकता क्या है मैक्सिमम अनाज एमएसपी पर मंडी में जाता है और व्यापार चलता रहता है। बड़े किसानों से लेकर छोटे किसान भी मंडी में 2 से 5 क्विंटल तक अनाज लाते है।निश्चित रूप से किसानों को लाभ होगा।और कांट्रेक्ट फार्मिंग के नाम पर कह रहे है बंधुआ मजदूर बन जाएंगे जबकि ऐसा कुछ नही है ।कांट्रेक्ट फार्मिंग पहले से ही हो रही है। वहीं कांग्रेस और इनेलो के द्वारा डिप्टी सीएम के इस्तीफे की मांग पर कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने निशाना साधते हुए कहा यह ख्वाब में हलवा खाने वाली बात है। कि एक ऐसा दबाव बनाकर सरकार तोड़ देंगे। क्यों टूटेगी सरकार इतनी बढ़िया सरकार चल रही है कितना बड़ा काम सरकार कर रही है ।गरीब के नाम का किसान के नाम का मजदूर के नाम पर सबके लिए सरकार काम कर रही है। यह तो ख्वाब में हलवा खा रहे हैं। कि शायद ऐसा दबाव डाल देंगे ऐसा कुछ भी होने वाला नहीं है ।सबको पता है आम आदमी भी समझ रहे हैं इनकी मंशा क्या है। सबको पता है कि इनकी मंशा क्या है ।वास्तविकता में यह एक माहौल खराब करना चाह रहे हैं। लेकिन माहौल खराब होता नहीं है आम आदमी सब समझ रहा है ।यह लोग ख्वाब में हलवा खा रहे हैं कि सरकार गिर जाएगी कि दोबारा चुनाव हो जाएगा और फिर हम बन जाएंगे। यह तो अगली बार भी नहीं बनते। लोगों को पता है कि तुमने क्या कर्म कर रखें है । अगले चुनाव के बाद भी तैयार रहिए उसके बाद भी कोई वोट देने वाला नहीं है ।और जो लोग कह रहे हैं कि बीजेपी की सरकार ऐसे ही आ गई ।वही मैं बताना चाहता हूं कि सरकार आज तक जब से हरियाणा बना जितना बड़ा जनसमर्थन इस सरकार को मिला ।इतना बड़ा समर्थन किसी सरकार को नही मिला।
वही कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मैं बिल्कुल दावे के साथ कहता हूं कि जब पेमेंट किसान के पास जाएगी तो किसान मजबूत होगा। वही पेमेंट अगर आढ़ती के पास चली जाएगी तो आढ़ती मजबूत हो।गा हमारी ड्यूटी क्या है तो हमारी ड्यूटी है कमजोर है किसान, किसान को मजबूत करना। जब तक पैसा किसान की जेब में होगा निश्चित तौर से चाहे ब्याज की बात हो,खाद खरीदने की बात हो चाहे पेस्टिसाइड लेने की बात हो किसान उसके साथ मोलभाव कर सकता है।इसलिए ये तीन जो बिल है यह सौ पर्सेंट किसान के हित में है। लगातार सोशल मीडिया पर भी टीवी पर भी देखता हूं ।अभी तक किसान यूनियन कांग्रेस या विपक्षी कोई तर्कसंगत बात आज तक इस बिल के विरोध में नहीं समझा सके।वही भाकियू प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह यह कहते हैं कि यह किसानों के हित में नहीं है और अब हम बीजेपी नेताओं का विरोध करेंगे। इस पर कैबिनेट मंत्री ने कहा कि गुरनाम सिंह किस बात पर कह रहे हैं कि के किसानों के हित में नहीं है ।सारे देश के किसानों ने मान लिया यह बिल किसान का हितैषी है ।कुछ लोगों को आप पूरे किसानों में से एक पर्सेंट या एक परसेंट से भी कम किसानों को एक परसेंट तो खैर नहीं कह सकते मैं तो कहूंगा एक लाख में से एक है जो इनके साथ है। उसको खड़ा करके कहना चाहेंगे यह किसान इसका विरोध कर रहा है ।तो कुछ ना कुछ लोग कुछ लोग पार्टी के साथ भी होते हैं संगठन के साथ बंधे होते हैं। वह आकर विरोध करते हैं आम किसान कोई इसका विरोध नहीं कर रहा ।आज किसान के समझ में आ रही है कि यह किसान बिल आने वाले समय में एक दो-तीन साल में किसान को इससे लाभ होगा ।किसान अपने आप जय जयकार करेगा ।यह बिल किसान का नहीं कांग्रेस का नाश करेगा ।कांग्रेस जिस प्रकार से भड़काने का काम किया जब किसान की समझ में आएगा की किस प्रकार किसान यूनियन जो कर रही है जब संगठन के प्रति अविश्वास प्रकट होगा और किसानों को समझ आ जाएगा। कि यह लोग हमारे हित में नहीं है वास्तिविकता में अपने स्वार्थ के हित में है। वही कैबिनेट मंत्री ने कहा कि यह आंदोलन सौ परसेंट कांग्रेस का आंदोलन है।आप कल का ही देख लो। जितने भी लोग इकट्ठे हुए पंजाब में ही हुए। पंजाब सरकार अपने आप ही बंद करवाने में लगी हुई है। सरकार ही खड़ी है बंद करने के लिए ।अभी आप ने हाल ही में अंबाला में देखा कि ट्रैक्टर में आग लगा दी हरियाणा की जो फायर ब्रिगेड थी उन्होंने आग बुझाई ।जबकि ट्रैक्टर पंजाब की तरफ था।आग लगाने वाले वही हैं हमारी फायर ब्रिगेड बुझाने वाली है। उनकी फायर ब्रिगेड उनके साथ खड़ी है लेकिन उन्होंने आग नहीं बुझाई। फिर वो ट्रैक्टर में आग लगाने वाले हैं इससे ही पता चल जाएगा कि जो लोग आग लगाने वाले हैं क्या कर रहे हैं और क्या नहीं कर रहे ।इनकी सरकार ही क्या कर रही है ।सरकार अपने आप ही आंदोलन के साथ मिली हुई है ।वह जानबूझकर एक माहौल खराब करना चाहती है ।हरियाणा में कुछ नहीं है बिल्कुल भी चाहे वह किसान यूनियन हो चाहे कांग्रेस हो चाहे दूसरा कोई विपक्षी दल हो ।सबको पता है और सब ने सब का समय देखा है किसानों के ऊपर जितने अत्याचार हुए वह अभी भी सब लोगों को याद है।