अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजों ने बॉक्सिंग फेडरेशन के खिलाफ खोला मोर्चा
23 सितंबर से एशियन मुक्केबाजी प्रतियोगिता चीन के जोंगजू शहर में आयोजित होनी है। चयन प्रक्रिया के प्रतिभागी खिलाडिय़ों ने कहा कि चयन प्रक्रिया पहले ट्रायल बेस व खिलाड़ी के पीछे की जीती हुई प्रतियोगिताओं के आधार पर तय होती थी, परन्तु अब नए मनमाने नियम बनाकर 8 प्वाईंटों के आधार पर चयन प्रक्रिया अपनाई गई है, जिसको लेकर उन्हे ऐतराज है।
भिवानी || कुश्ती की तर्ज पर मुक्केबाजी के खिलाडिय़ों को भी अब चयन प्रक्रिया को लेकर ऐतराज है। इसके चलते अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाज व ओलंपियन ब्रांज मैडलिस्ट बिजेंद्र कुमार की अगुवाई में एशियन गेम्स की चयन प्रक्रिया के प्रतिभागी व अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाज रहे अमित पंघाल, सागर अहलावत व रोहित मोर ने चयन प्रक्रिया पर प्रश्र चिह्न लगाते हुए चयन प्रक्रिया में शामिल दो विदेशी प्रशिक्षकों पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है। मिनी क्यूबा के नाम से जाने जाने वाली खेल नगरी भिवानी में द्रोणाचार्य अवॉर्डी कोच जगदीश कुमार व ओलंपियन बिजेंद्र की अगुवाई में 92 किलोग्राम के प्रतिभागी सागर अहलावत, 57 किलोग्राम के प्रतिभागी रोहित मोर व 51 किलोग्राम भार वर्ग के अमित पंघाल ने संयुक्त पत्रकार वार्ता आयोजित एशियन गेम्स की चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते हुए बगैर ट्रायल के चयन करने पर ऐतराज जताया है। 23 सितंबर से एशियन मुक्केबाजी प्रतियोगिता चीन के जोंगजू शहर में आयोजित होनी है। चयन प्रक्रिया के प्रतिभागी खिलाडिय़ों ने कहा कि चयन प्रक्रिया पहले ट्रायल बेस व खिलाड़ी के पीछे की जीती हुई प्रतियोगिताओं के आधार पर तय होती थी, परन्तु अब नए मनमाने नियम बनाकर 8 प्वाईंटों के आधार पर चयन प्रक्रिया अपनाई गई है, जिसको लेकर उन्हे ऐतराज है। नई चयन प्रक्रिया में खिलाडिय़ों की हाजिरी, उनके उठने व सोने का समय, खिलाडिय़ों का वजन सहित ऐसे मापदंडों को अपनाया गया है, जिससे खेल का बहुत सीधा ताल्लुकात नहीं है। 51 किलोग्राम भार वर्ग के अमित पंघाल ने बताया कि उनके स्थान पर दीपक का चयन हुआ है, जबकि वे चाहते है कि पिछले रिकॉर्ड व ट्रायल के आधार पर चयन हो।
ओलंपियन मैडलिस्ट मुक्केबाज बिजेंद्र कुमार ने कहा कि उन्होंने देश के लिए मुक्केबाजी में पहला पदक प्राप्त किया है। परन्तु कभी भी बॉक्सिंग फेडरेशन ने उन्हे चयन प्रक्रिया के नियमों को बनाने, उन्हे बदलने या मुक्केबाजी के उत्थान के लिए किसी कार्यक्रम में नहीं बुलाया। जबकि उनका मुक्केबाजी को लेकर देश में अहम योगदान रहा है तथा वर्तमान में अब मनमाने नियमों के आधार पर अपने चहेतों को आगे बढ़ाने का कार्य बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया कर रही है, जिस पर उन्हे ऐतराज है। बिजेंद्र कुमार ने बताया कि खिलाडिय़ों की चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता अपनाएं, ताकि देश को बेहतर खिलाड़ी मिल सकें। वही द्रोणाचार्य अवॉर्डी कोच जगदीश कुमार ने कहा कि खेल मंत्रालय भारत सरकार भले ही खिलाडिय़ों को आगे बढ़ाने की बात करती हो, परन्तु वर्ष 2017 से अब तक के बहुत से खिलाडिय़ों के अवॉर्ड के पैसे सरकार के पास बकाया है तथा ऑनलाईन तरीके से अप्लाई करने की प्रक्रिया के बाद भी खिलाडिय़ों तक सरकार की पुरस्कार राशि बकाया है। उन्होंने कहा कि बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया की चयन कमेटी में चार कोच है, जिनमें से दो भारतीय है तथा दो विदेशी है। विदेशी कोच को 15-15 लाख रूपये देकर रखा गया है। देशी कोच का कल्चर भारतीय खेल परिदृश्य में सही ना बैठने की बात भी द्रोणाचार्य अॅवार्डी जगदीश कोच ने कही। ऐतराज करने वाले खिलाडिय़ों ने चयन प्रक्रिया को हाईकोर्ट में ले जाने तथा खेल मंत्रालय तक ले जाने की बात भी कही।